फरीदाबाद, 27 मई इस साल मतदान प्रतिशत 60.2 रहा जो 2019 के चुनाव (64.7 प्रतिशत) से कम है। ग्रामीण क्षेत्रों के मतदाताओं ने उत्साह दिखाया है। राज्य भर में विभिन्न चुनाव जागरूकता अभियान चलाए जाने के बावजूद शहरी क्षेत्रों के निवासी चुनावी प्रक्रिया में पर्याप्त संख्या में भाग लेने में विफल रहे हैं।
जिला प्रशासन के सूत्रों के अनुसार, मतदाताओं में जागरूकता पैदा करने के लिए आयोजित किए गए अनेक कार्यक्रम और अभियान औसत मतदाता मतदान पर कोई खास प्रभाव डालने में विफल रहे।
रिपोर्टों के अनुसार, यह दावा किया गया था कि निर्वाचन विभाग ने मतदान प्रतिशत को कम से कम 70 प्रतिशत तक बढ़ाने का लक्ष्य रखा था।
राजनीतिक विश्लेषक देवेंदर सिंह सुरजेवाला कहते हैं, “मतदान शायद उम्मीद के मुताबिक ही रहा, क्योंकि ग्रामीण मतदाताओं ने भीषण गर्मी के बावजूद कुछ हद तक उत्साह दिखाया।” उन्होंने कहा कि जागरूकता अभियान का केंद्र रहे शहरी मतदाता अपने खराब प्रदर्शन से अधिकारियों को निराश कर गए। चूंकि जागरूकता अभियान पर बड़ी मात्रा में धन खर्च करने के बावजूद शहरी मतदाताओं की कम प्रतिक्रिया एक प्रवृत्ति बन गई थी, इसलिए शहरी क्षेत्रों में मतदान 58.2 प्रतिशत से अधिक नहीं हो पाया।
स्थानीय निवासी विष्णु गोयल ने कहा कि मतदाताओं, खासकर युवा वर्ग को लुभाने के लिए आवश्यक सुविधाएं और बुनियादी ढांचे के निर्माण में धन और समय का विवेकपूर्ण उपयोग किया जा सकता था। उन्होंने कम मतदान के लिए मतदाता पर्ची न मिलने और कई बुजुर्गों और शारीरिक रूप से विकलांग लोगों के लिए घर-द्वार सुविधा न मिलने जैसे विभिन्न मुद्दों को जिम्मेदार ठहराया।
एक अन्य निवासी सुमेर खत्री ने कहा, “गर्म मौसम की स्थिति के अलावा, ग्रीष्मकालीन अवकाश के कारण परिवारों का अन्य स्थानों पर जाना शहरी इलाकों में कई लोगों के लिए परेशानी का सबब बन सकता है।”
पूर्व विधायक करण दलाल ने कहा कि ग्रामीण मतदाता हमेशा से ही शहरी मतदाताओं की तुलना में अधिक अभिव्यक्तशील और राजनीति में शामिल रहे हैं, जबकि शहरी मतदाता अपने काम या आराम के स्तर को लेकर अधिक चिंतित रहे हैं।
इस बीच, जिला चुनाव अधिकारियों ने बताया कि सीलबंद ईवीएम को चौबीसों घंटे सुरक्षा के बीच स्ट्रांग रूम में रखा गया है। जिला प्रशासन के प्रवक्ता ने बताया, “चुनाव पर्यवेक्षक अक्षय कुमार सिंह, जिला चुनाव अधिकारी विक्रम सिंह और राजनीतिक दलों के प्रतिनिधियों की मौजूदगी में सभी ईवीएम, सीयू, बीयू और वीवीपैट को सील कर स्ट्रांग रूम में रख दिया गया है।”
एनआईटी स्थित लखानी धर्मशाला, सेक्टर 2 स्थित राजकीय महिला महाविद्यालय, डीएवी स्कूल (सेक्टर 14) का ऑडिटोरियम, सेक्टर 16 स्थित गुर्जर भवन तथा सेक्टर 16 स्थित पंजाबी भवन सहित विभिन्न स्थानों पर स्ट्रांग रूम बनाए गए हैं।