जम्मू-कश्मीर के डोडा में सफाई कर्मचारी यूनियन ने सोमवार से 72 घंटे की हड़ताल शुरू कर दी। सफाई कर्मचारियों ने राज्य सरकार को चेतावनी देते हुए कहा है कि अगर 72 घंटे के अंदर उनकी मांगों पर सुनवाई नहीं हुई तो 26 मार्च को सफाई कर्मचारी यूनियन दिल्ली के लिए रवाना होगी और वहां अपनी मांगों को लेकर प्रदर्शन करेगी। सफाई कर्मचारियों का कहना है कि जम्मू कश्मीर में जितनी भी सरकारें आई हैं, उन्होंने सफाई कर्मचारियों के साथ अन्याय किया है और अब उन्होंने केंद्र सरकार से मांग की है कि उनका वेतन बढ़ाया और स्थायी किया जाए।
कुछ सफाई कर्मचारियों से न्यूज एजेंसी आईएएनएस ने बात की। इरशाद अहमद ने कहा कि मैं मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला से कहना चाहता हूं कि सफाई कर्मचारी के वोट के दम पर आप सत्ता में आए। आपने सफाई कर्मचारियों के लिए जो वादे किए थे, उन वादों का क्या हुआ। सफाई कर्मचारियों के बारे में सरकार गंभीर नहीं है। रमजान का पाक महीना चल रहा है। हम नहीं चाहते हैं किसी को परेशानी हो। पैसे की तंगी के चलते हमारे बच्चों का भविष्य संकट में आ गया है। आप अपने विधायकों की सैलरी बढ़ा रहे हैं। लेकिन, हम लोगों के भविष्य को क्यों अंधकार में डाला जा रहा है?
सज्जाद अहमद ने कहा कि 2014 में उमर अब्दुल्ला ने हमारे कुछ लोगों को पक्का किया था। हमें आपसे उम्मीद थी। आप सत्ता में आएंगे तो हमारी मांगों को पूरा किया जाएगा। लेकिन, हमारा भरोसा तोड़ा गया। हमारी सैलरी 9,300 रुपए है। हमें मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने भरोसा दिया कि नौकरी पक्की की जाएगी। लेकिन, हमें पक्का नहीं किया गया। सरकार के बजट से उम्मीद थी, लेकिन हमें कुछ नहीं मिला।
फैयाज अहमद ने बताया कि हमने पिछली बार जब हड़ताल की थी तो हमें आश्वासन मिला था कि एक महीने के भीतर काम हो जाएगा। हमें सिर्फ नई तारीख दी जाती है। बजट से उम्मीद थी, लेकिन कुछ नहीं मिला। राज्य सरकार से गुजारिश है कि हमारा मसला हल किया जाए। ईद का त्योहार है। बच्चों के पास कपड़े नहीं हैं। 72 घंटे के अंदर मसला हल करते हैं तो हम हड़ताल वापस लेंगे नहीं तो मजबूरन दिल्ली के लिए पैदल मार्च करेंगे। मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला हमारी परेशानी को समझें। हमें कम से कम यूटी के अनुसार वेतन दिया जाए। अगर हमें पक्का किया जाता तो आज हड़ताल की स्थिति पैदा नहीं होती।
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