आज यहां राज्य युद्ध स्मारक पर विजय दिवस मनाया गया, जिसमें 1971 के युद्ध में भारतीय सैनिकों के शौर्य और बलिदान को श्रद्धांजलि अर्पित की गई। इस अवसर पर मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित 9 कोर मुख्यालय के ब्रिगेडियर विजय चाहर (वीएसएम) ने युद्ध स्मारक पर शहीदों को पुष्पांजलि अर्पित की और शहीद सैनिकों को अपना सम्मान दिया।
समारोह के दौरान, देश के वीर सपूतों को गार्ड ऑफ ऑनर प्रस्तुत किया गया। युद्ध स्मारक के रखरखाव की सराहना करते हुए ब्रिगेडियर चाहर ने कहा, “यह स्थान स्वयं युवाओं के लिए प्रेरणा का स्रोत है, ताकि वे मातृभूमि के लिए शहीदों द्वारा किए गए महान बलिदानों को याद रखें।” राज्य युद्ध स्मारक के उपाध्यक्ष कर्नल जय गणेश विजय दिवस के मद्देनजर आज स्मारक पर आने वाले लोगों से कोई प्रवेश शुल्क नहीं लिया गया। सभी नागरिकों के लिए शहीदों को पुष्पांजलि अर्पित करने हेतु फूलों की विशेष व्यवस्था की गई थी।
एडीसी विनय कुमार और एडीएम शिल्पी बीकता ने युद्ध नायकों को श्रद्धांजलि अर्पित की। इस अवसर पर एनसीसी की महिला कैडेट, स्कूली बच्चे और छोटे बच्चे, सेना के जवान, पूर्व सैनिक, धर्मशाला के नागरिक और नागरिक प्रशासन के अधिकारी भी उपस्थित थे।
यहां यह उल्लेख करना प्रासंगिक है कि 1971 में इसी दिन जनरल नियाजी के नेतृत्व में 93,000 पाकिस्तानी सैनिकों को भारतीय सेना के जनरल अरोरा के सामने आत्मसमर्पण करने के लिए मजबूर होना पड़ा था। 1948 के बाद लड़े गए युद्धों में अपने प्राणों की आहुति देने वाले सभी शहीद सैनिकों के नाम युद्ध स्मारक पर बने भित्ति चित्रों में अंकित हैं।

