मुख्यमंत्री सुखविन्द्र सिंह सुक्खू ने मंगलवार को कहा कि स्कूलों के विलय के बाद अधिशेष हो गए मिड-डे-मील कार्यकर्ताओं को निकटवर्ती स्कूलों में समायोजित किया जाएगा तथा उनकी सेवाएं समाप्त नहीं की जाएंगी।
सुखू ने कहा कि राज्य सरकार कई पहलों के साथ मौजूदा शिक्षा प्रणाली में क्रांति ला रही है और स्कूलों का विलय अपने संस्थानों में गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्रदान करने के उद्देश्य से की गई प्रमुख पहलों में से एक है। उन्होंने कहा, “स्कूलों के विलय से होने वाले अधिशेष मिड-डे मील वर्करों को पास के स्कूलों में उचित रूप से समायोजित किया जाएगा और उनकी सेवाएं समाप्त नहीं की जाएंगी।”
मुख्यमंत्री सुखविन्द्र सिंह सुक्खू ने आज यहां एक बैठक की अध्यक्षता करते हुए कहा कि सरकार शिक्षा विभाग की कार्यप्रणाली में सुधार लाने के लिए राज्य शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद (एससीईआरटी) तथा जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थानों (डाइट) का पुनर्गठन करेगी।
उन्होंने कहा, “एससीईआरटी और डीआईईटी के पुनर्गठन का उद्देश्य राज्य में छात्रों को शिक्षा और प्रशिक्षण की गुणवत्ता को मजबूत करना है।” उन्होंने कहा कि पिछली भाजपा सरकार की गलत नीतियों के कारण शिक्षा की गुणवत्ता के मामले में हिमाचल प्रदेश की रैंकिंग राष्ट्रीय स्तर पर शीर्ष पांच से गिरकर 21वें स्थान पर आ गई। उन्होंने कहा कि सरकार अब अपने संस्थानों में गुणवत्तापूर्ण शिक्षा सुनिश्चित करने के लिए सावधानीपूर्वक काम कर रही है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार शिक्षकों को विदेश भ्रमण पर भेज रही है ताकि वे वहां की बेहतरीन शिक्षण पद्धतियों को अपना सकें, जिससे अंततः छात्रों को लाभ होगा। उन्होंने कहा कि सरकार शिक्षा, खेल और अन्य क्षेत्रों में उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले मेधावी छात्रों को भी विदेश भ्रमण पर भेजेगी ताकि वे भी ऐसे दौरों से लाभ उठा सकें।
उन्होंने कहा कि राज्य सरकार शैक्षणिक संस्थानों में खेल के बुनियादी ढांचे को बेहतर बनाने के लिए भी गंभीर प्रयास कर रही है। उन्होंने कहा, “खेलों को बढ़ावा देने के लिए सरकार ने राज्य स्तरीय चैंपियनशिप के लिए खिलाड़ियों की डाइट मनी 240 रुपये से बढ़ाकर 400 रुपये, जिला स्तरीय के लिए 300 रुपये और ब्लॉक स्तरीय स्पर्धाओं के लिए 240 रुपये कर दी है। राज्य से बाहर प्रतिस्पर्धा करने वाले खिलाड़ियों के लिए डाइट मनी बढ़ाकर 500 रुपये कर दी गई है।”
सुखू ने कहा कि राज्य सरकार विद्यार्थियों के समग्र विकास और उन्हें नशे से दूर रखने के लिए शिक्षण संस्थानों में खेल गतिविधियों को बढ़ावा दे रही है। उन्होंने कहा कि सरकार ने सभी स्कूलों को प्रतिदिन कम से कम 15 मिनट शारीरिक व्यायाम के लिए समर्पित करने के निर्देश पहले ही जारी कर दिए हैं। बैठक में शिक्षा मंत्री रोहित ठाकुर, सचिव (शिक्षा) राकेश कंवर और अन्य वरिष्ठ अधिकारी शामिल हुए।
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