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शेखर कपूर ने दिल्ली के प्रदूषण पर जताई चिंता

Shekhar Kapur expressed concern over Delhi's pollution

मुंबई, 5 सितंबर । ‘बैंडिट क्वीन’, ‘एलिजाबेथ’, ‘मासूम’ जैसी फिल्मों के लिए मशहूर फिल्म निर्माता शेखर कपूर राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में बढ़ते प्रदूषण स्तर को लेकर चिंतित हैं।

बुधवार को फिल्म निर्माता ने अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘इंस्टाग्राम’ पर धुंध में लिपटे दिल्ली के शहरी परिदृश्य की एक धुंधली तस्वीर साझा की।

उन्होंने कैप्शन में एक लंबा नोट लिखा है जिसमें बताया गया है कि समय कितना बदल गया है।

उन्होंने लिखा, ”हां, यह प्रदूषित है। हां, यह वह दिल्ली नहीं है, जो 50 साल पहले थी, जब मैं रात में अपने घर की छत पर लेटता था और आकाश को देखता था, तो अक्सर आकाशगंगा देख लेता था। रात में आकाश को देखते हुए मैंने अपनी मां से पूछा, ‘अंतरिक्ष कितनी दूर तक जाता है?’ उनका कहना था कि यह अनन्त है। तब प्रदूषण रहित दिल्ली में हमारे घर की छत पर यह सब जानने की इच्छा होती थी, केवल इच्छा ही नहीं, बल्कि कहानियां सुनाने की जरूरत का भी एहसास करवाया था।”

उन्होंने आगे कहा, “हमारे पास ‘हमेशा’ को परिभाषित करने के लिए कोई शब्द नहीं हैं, न भौतिकी में, न हमारी कल्पना में… सिवाय एक कहानी के। एक बच्चे के रूप में, अंतरिक्ष की असीमता से अभिभूत होकर, मैंने खुद से ये जादुई शब्द कहे: ‘एक समय की बात है’। और तब से, मैं कहानियां सुनाने के लिए इन शब्दों को बार-बार दोहराता हूं, क्योंकि कहानियां ही हमारा अस्तित्व हैं। ये सब दिल्ली में मेरी छत पर चारपाई पर लेटकर शुरू हुआ। मैं दिल्ली को कैसे भूल सकता हूं? और अब, मेरे होटल के कमरे की खिड़की से दिल्ली की ये तस्वीर…।”

इससे पहले, निर्देशक ने इंस्टाग्राम पर अकेलेपन विचार किया और दोनों को क्या अलग करता है। उन्होंने ऑगस्टे रोडिन की प्रसिद्ध मूर्ति ‘द थिंकर’ की एक तस्वीर साझा की, जिसमें एक नग्न पुरुष को एक चट्टान पर बैठे हुए गहन विचार में दर्शाया गया है।

फिल्म निर्माता ने साझा किया कि उन्हें वास्तव में कभी पता नहीं चलता कि वे कब अकेले हो जाते हैं, सिवाय इसके कि जब उन्हें अचानक अकेलेपन की तीव्र पीड़ा महसूस होती है।

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