शिवसेना नेता संजय निरुपम ने शनिवार को प्रेस कांफ्रेंस में कॉमेडियन कुणाल कामरा को कायर बताया और कहा कि उन्होंने जो वीडियो सोशल मीडिया पर पोस्ट किया था, वह समाज के नियमों और मर्यादाओं का उल्लंघन करता है। निरूपम ने कहा कि एक लेखक, कवि या व्यंग्यकार को अपनी बात रखने का पूरा अधिकार है, लेकिन उसे इस अधिकार का इस्तेमाल मर्यादा में रहकर करना चाहिए।
निरुपम ने बताया कि कांग्रेस के सांसदों द्वारा एक वीडियो पोस्ट किया गया था, जिसमें एक शादी के समारोह में गाना बजाया गया था जो उस मौके के अनुरूप नहीं था। गाने के बोल थे, “खून के प्यासे तेरा खून पी जाऊं,” जो पूरी तरह से गलत था, क्योंकि शादी जैसे शुभ अवसर पर इस प्रकार के गाने का कोई स्थान नहीं था। गुजरात पुलिस ने इस पर एफआईआर दर्ज की थी, लेकिन साथ ही निरुपम ने यह भी कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने राहत दी, जो सही था, लेकिन सांसदों को यह समझना चाहिए कि वे किस अवसर पर क्या बोल रहे हैं और मर्यादा का पालन करना चाहिए।
इसके बाद निरुपम ने मुंबई पुलिस का हवाला देते हुए कहा कि कुणाल कामरा को पुलिस के सामने आकर जांच में सहयोग करना चाहिए। उनके पास अब 31 मार्च तक का समय है, और अगर वह सहयोग नहीं करेंगे, तो कानून के हाथ बहुत लंबे होते हैं। उन्हें खुद ही नहीं पता कि वह कहां फंस सकते हैं। उन्होंने यह भी कहा कि कामरा को मुंबई में पुलिस के सामने आना पड़ेगा, चाहे वह 7 अप्रैल से पहले हो या बाद में।
निरुपम ने यह भी कहा कि शिंदे सरकार के खिलाफ जो कुछ हुआ, वह शिव सैनिकों के लिए अपमानजनक था और उन्होंने नाराजगी जताई। शिवसेना के कार्यकर्ता शिंदे साहब के प्रति अपनी श्रद्धा और समर्थन व्यक्त करते हैं, और जो लोग उनके खिलाफ बोलते हैं, शिव सैनिक उन पर नाराज हैं। निरुपम ने यह भी कहा कि अगर कामरा सच में साहसी हैं, तो उन्हें पुलिस की जांच का सामना करना चाहिए और उन पर जो आरोप हैं, उनसे मुंह नहीं मोड़ना चाहिए।
उन्होंने कहा कि यूट्यूब पर गाना डालना साहस नहीं होता। साहस तब होता है, जब आप अपने कहे हुए शब्दों के लिए जिम्मेदारी लेते हैं और उस पर खड़े रहते हैं। निरुपम ने यह भी कहा कि कुणाल कामरा को अब यह समझना चाहिए कि उनका यह कायराना व्यवहार कहीं न कहीं उनकी छवि को खराब कर रहा है।