भोपाल, 22 सितंबर । कांग्रेस की मध्य प्रदेश इकाई के प्रदेशाध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने श्योपुर कलेक्टर के बयान का हवाला देते हुए मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान पर बड़ा हमला बोला है और कहा है कि शिवराज भ्रष्टाचार की नवाचार की पाठशाला बन गए है।
पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने ट्वीट कर कहा, शिवराज जी, आप भ्रष्टाचार में नवाचार की पाठशाला बन गए हैं। आपने आदिवासियों पर अत्याचार की सारी हदें पार कर दी हैं। अब तक जनता आरोप लगाती थी, लेकिन अब तो सरकारी अधिकारी भी इस पर मुहर लगा रहे हैं।
उन्होने श्योपुर कलेक्टर के एक बयान का हवाला देते हुए कहा, आदिवासी बहुल श्योपुर जिले के कलेक्टर ने खुलासा किया है कि जिले में बड़े पैमाने पर बाहरी लोगों को अवैध पट्टे दिए गए हैं। आदिवासियों के नाम पर दिल्ली, हरियाणा और पंजाब के लोगों को पट्टे दे दिए गए। इस घोटाले में आपकी पूरी सरकारी मशीनरी शामिल है।
आदिवासी समाज आपसे पूछता है कि आपने उनके हिस्से की ज़मीन क्यों हड़पी?जब इतने समय से पट्टों की यह बंदरबांट चल रही थी तो आप ने चुप्पी क्यों साध रखी है?खुद कलेक्टर के घोटाला उजागर करने के बाद भी आप ने खामोशी ओढ़ रखी है?क्या आप बताएंगे कि आपकी कमिशनराज सरकार ने पट्टा घोटाला में कितना कमिशन खाया?क्या आप बताएंगे कि ये पट्टे किन लोगों को दिए गए और भाजपा से उनका क्या सम्बंध है?
उन्होंने भाजपा की जन आशीर्वाद यात्रा पर सवाल उठाए और कहा,भाजपा की ‘जन आशीर्वाद यात्रा‘ जितना आगे बढ़ने की कोशिश कर रही है, उतनी ही एमपी में भाजपा की हार की आशंका दिन प्रतिदिन बढ़ती जा रही है। दरी झटकारने, बिछाने और उठाने वाले स्थानीय भाजपा कार्यकताओं का थोड़ा भी बस चले, थोड़ा भी जोर चले, तो वो इन झूठी भाजपाई यात्राओं को बीच में ही ख़त्म कर दें, करा दें! झूठी घोषणाओं, जुमलों और भाषणों से अघा जाने के बाद भी बेबस हैं, कर्मठ बेचारे! पर जनता बेबस नही, वो तो तैयार है,अबकी बार, भाजपा पर पलटवार।
भाजपा कार्यकर्ताओं का जिक्र करते हुए कमलनाथ ने कहा, लेकिन भाजपा कार्यकर्ता क्या करें, न तो उनका केंद्रीय नेतृत्व उनको कमान दे रहा है, प्रदेश नेतृत्व तो मान भी नही दे रहा है, और न ही संगठन उनको देख रहा है। आज की एमपी भाजपा को कचोटता एक ही नारा, सालों से एक बुझा चेहरा क़ाबिज है, और कार्यकर्ताओं का बड़ा संगठन तो बेमानी है।आज एक ही नारा सच्चा, मिलावटी भाजपा को छोड़ेंगे,सच्ची कांग्रेस का साथ जोड़ेंगे।