न्याय में देरी न्याय न मिलने के बराबर है। ऐसा लगता है कि इस कहावत ने सोलन जिले की पुलिस को 25 साल पुराने मामलों को निपटाने के लिए प्रेरित किया है। हालांकि यह पिछले दशकों में की गई कथित ढीली जांच को दर्शाता है, लेकिन इस नए प्रयास ने न्याय चाहने वालों के बीच उम्मीद की किरण जगाई है।
सोलन के पुलिस अधीक्षक गौरव सिंह ने कहा कि आपराधिक मामलों की जांच में गुणवत्ता सुनिश्चित करने तथा पुराने मामलों, विशेषकर लम्बे समय से लंबित पड़े मामलों या पुनः जांच की आवश्यकता वाले मामलों का निपटारा करने के लिए एक विशेष अभियान शुरू किया गया है।
एसपी ने बताया कि इस विशेष अभियान के दौरान 18 पुराने मामलों का निपटारा कर उन्हें सुनवाई के लिए अदालतों में भेजा गया है। इनमें धोखाधड़ी के मामले भी शामिल हैं, जिनमें सबसे पुराना मामला 1999 का है, जो परवाणू थाने से संबंधित है। इसके अलावा, दोबारा जांच के बाद निपटाए गए मामले वर्ष 2008, 2009, 2011, 2013 से लेकर 2021 तक के हैं।
परवाणू पुलिस स्टेशन में दर्ज धोखाधड़ी के 25 साल पुराने मामले में अदालत में आरोप पत्र पेश किया गया है। यह मामला वर्ष 1999 का है। धोखाधड़ी और जालसाजी का मामला दर्ज किया गया था और प्रारंभिक जांच के दौरान इस मामले में घटिया जांच के चलते खारिज रिपोर्ट तैयार की गई थी।
मामले की पुनः जांच के दौरान आरोपियों के खिलाफ गहन जांच के बाद आरोप पत्र तैयार कर 18 अक्टूबर को अदालत में पेश किया गया।
इसके अलावा पिछले एक साल के दौरान जघन्य अपराध के 30 ऐसे लंबित मामलों का जिला पुलिस द्वारा प्राथमिकता के आधार पर निपटारा किया गया है, जो जांच के अधीन थे। ये पिछले करीब पांच साल से किसी न किसी कारण से जांच के अधीन थे। निपटाए गए मामलों में 2019, 2020, 2021, वर्ष 2022 के 18 और वर्ष 2023 के सात मामले शामिल हैं।
Leave feedback about this