N1Live National संकीर्ण स्वार्थों के कारण ‘एक राष्ट्र, एक चुनाव’ का विरोध कर रहे कुछ राजनीतिक दल : डॉ. जितेंद्र सिंह
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संकीर्ण स्वार्थों के कारण ‘एक राष्ट्र, एक चुनाव’ का विरोध कर रहे कुछ राजनीतिक दल : डॉ. जितेंद्र सिंह

Some political parties are opposing 'One Nation, One Election' due to narrow interests: Dr. Jitendra Singh

केंद्रीय राज्य मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह ने गुरुवार को जम्मू विश्वविद्यालय में ‘एक राष्ट्र एक चुनाव के लिए छात्र’ नामक एक कार्यक्रम को संबोधित किया। इस दौरान उन्होंने कहा कि देश में बार-बार होने वाले चुनावों ने नीतिगत निष्क्रियता और वित्तीय संसाधनों की बर्बादी को जन्म दिया है।

विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी और पृथ्वी विज्ञान राज्य मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह ने कहा कि इन चुनावों ने मुफ्तखोरी और अवसरवाद की संस्कृति को भी जन्म दिया है। वास्तव में, ऐसे बेतरतीब चुनाव मतदाताओं को भ्रष्ट भी करते हैं। कुछ राजनीतिक दल अपने संकीर्ण स्वार्थों के कारण एक साथ चुनावों का विरोध कर रहे हैं।

उन्होंने कहा कि देश भर में चुनावों का यह दौर सुशासन से ध्यान भटकाता है। राजनीतिक दल जीत हासिल करने के लिए चुनाव संबंधी गतिविधियों पर अधिक ध्यान केंद्रित करते हैं, जिससे विकास और आवश्यक शासन के लिए कम समय बचता है।

मंत्री ने छात्रों से एक राष्ट्र, एक चुनाव के लाभों का अध्ययन करने और अपने साथियों के साथ इस पर चर्चा करने का आग्रह किया।

डॉ. जितेंद्र सिंह ने कहा कि इतिहास गवाह है कि क्रांतियों का जन्म छात्र आंदोलनों से हुआ है। उन्होंने कहा कि 40 वर्ष से कम आयु के युवा ही जनमत निर्माता हैं क्योंकि वे भारत की 70 प्रतिशत से अधिक आबादी का प्रतिनिधित्व करते हैं। यही युवा भविष्य के नेता, नीति निर्माता और विकसित भारत के निर्माता बनेंगे।

डॉ. जितेंद्र सिंह ने कहा कि मोदी सरकार के पिछले दशक का समेकित परिणाम युवाओं के लिए अवसरों के साथ-साथ संसाधनों का लोकतंत्रीकरण रहा है। सरकार ने युवाओं को अपना व्यवसाय शुरू करने के लिए वित्तीय सहायता प्रदान करके उनके लिए समान अवसर भी उपलब्ध कराए हैं, जिससे दूसरों को भी रोजगार मिल रहा है।

उन्होंने कहा कि यह देखकर खुशी हो रही है कि युवा लड़कियां प्रधानमंत्री स्वनिधि योजना के तहत राष्ट्रीय राजमार्गों पर अपने स्वयं के फूड आउटलेट खोल रही हैं। उन्होंने कहा कि स्टार्ट अप इंडिया और स्टैंड अप इंडिया योजना फलदायी साबित हो रही है और बड़ी संख्या में बी-टाउन भारत के स्टार्टअप मानचित्र पर दिखाई दे रहे हैं।

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