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मिथिला को अलग राज्य बनाने की मांग का किसी ने किया स्वागत तो किसी ने जताई आपत्ति

Some welcomed the demand to make Mithila a separate state and some expressed objection.

पटना, 28 नवंबर । राष्ट्रीय जनता दल (राजद) की नेता और बिहार की पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी ने मिथिला राज्य की मांग की है। उन्होंने कहा कि मिथिला को अलग राज्य के रूप में होना चाहिए। इस पर बिहार के कई नेताओं ने अपनी प्रतिक्रिया दी है।

भाजपा विधायक हरिभूषण ठाकुर ने कहा, “मिथिल राज्य या बिहार राज्य वोट से बनता है। मिथिला बिहार के साथ समृद्ध है। अगर राज्य बनाने की बात होगी, तो देखा जाएगा।”

कांग्रेस विधायक शकील अहमद ने कहा, “मिथिला बहुत अच्छी और मीठी भाषा है। वहां के लोग भी बहुत अच्छे हैं। वहां का खान पान भी बहुत अच्छा है। अब राबड़ी देवी ने मिथिला राज्य की मांग उठाई है, तो सही ही कहा है।”

राजद विधायक फतेह बहादुर ने कहा, “राबड़ी देवी हमारी पार्टी की राजमाता हैं। उनका हर निर्णय हम लोगों के लिए सर्वोपरि है। उनका जो भी फैसला है, हम लोग उनके साथ हैं।”

भाकपा माले के विधायक महबूब आलम ने कहा, “अब मिथिला अगल राज्य होगा , तो सीमांचल अलग राज्य क्यों नहीं होगा, भोजपुर फिर अलग राज्य क्यों नहीं होगा।”

एआईएमआईएम के नेता अख्तरुल ईमान शाहीन ने कहा, “राबड़ी देवी को मिथिला याद आ गया, लेकिन सीमांचल याद नहीं आया। सीमांचल में जाकर उनके पुत्र तेजस्वी यादव ने कहा था कि अगर हमारी सरकार बनेगी, तो हम सीमांचल डेवलपमेंट काउंसिल बनाएंगे। बिहार का सबसे गरीब हिस्सा अगर कोई है, तो वो सीमांचल है। लेकिन, सीमांचल पर ध्यान नहीं दिया गया। बिहार को खंडित नहीं किया जाना चाहिए। बिहार को एक रहना चाहिए। बिहार को अलग करना उचित नहीं रहेगा। लेकिन, बिहार के जो कमजोर हिस्से हैं, वहां विकास कार्यों पर ध्यान देना चाहिए।”

हाल ही में मैैथ‍ि‍ली भाषा में संविधान की प्रति का विमोचन किया गया। इसके बाद राबड़ी देवी ने मिथिलावासियों को मिथिला राज्य देने की बात कह डाली।

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