इंदिरा गांधी राष्ट्रीय महाविद्यालय की एनएसएस इकाई द्वारा दुधा गांव में आयोजित सात दिवसीय विशेष शिविर के चौथे दिन सोमवार को व्याख्यान का आयोजन किया गया।
प्राचार्य डॉ. कुशल पाल ने उपस्थित लोगों को संबोधित करते हुए इस बात पर जोर दिया कि एनएसएस शिविर द्वारा आयोजित विभिन्न गतिविधियों में निरंतर भागीदारी के माध्यम से छात्रों को सामाजिक ताने-बाने और समाज में व्यावहारिक चुनौतियों की गहरी समझ प्राप्त होती है।
उन्होंने बताया कि स्वयंसेवक न केवल परोपकार का मूल्य सीखते हैं, बल्कि जरूरतमंदों की मदद करने के लिए निस्वार्थ भाव से खुद को समर्पित भी करते हैं। उन्होंने इस बात पर प्रकाश डाला कि जागरूकता की भावना से प्रेरित होकर, एनएसएस स्वयंसेवक गांव-गांव जाकर लोगों को विभिन्न सामाजिक मुद्दों जैसे कि नशीली दवाओं के दुरुपयोग, दहेज, सड़क सुरक्षा और पर्यावरण क्षरण के बारे में शिक्षित और जागरूक करते हैं।
मुख्य अतिथि रेखा गर्ग ने स्वयंसेवकों का उत्साहवर्धन करते हुए कहा कि एनएसएस गतिविधियों में भाग लेने से आत्मविश्वास बढ़ता है। उन्होंने कहा, “आत्मविश्वास के बल पर ही जीवन में बड़ी से बड़ी उपलब्धियां हासिल की जा सकती हैं। सभी विद्यार्थियों को जोश और उत्साह के साथ एनएसएस गतिविधियों में सक्रिय रूप से भाग लेना चाहिए।”
समाज सेविका वीना बंसल और पूनम सिंगला ने राष्ट्र निर्माण में युवाओं की महत्वपूर्ण भूमिका पर अपने विचार साझा किए। उन्होंने कहा कि एनएसएस के माध्यम से छात्र देशभक्ति और टीम वर्क के मूल्यों को सीखते हैं, जो व्यक्तिगत और राष्ट्रीय विकास के लिए आवश्यक हैं। उन्होंने इस बात पर भी जोर दिया कि सफलता के लिए कोई शॉर्टकट नहीं है और कड़ी मेहनत ही लक्ष्य हासिल करने का एकमात्र रास्ता है। युवाओं को हमेशा सही रास्ते पर चलना चाहिए, क्योंकि राष्ट्र का विकास सीधे तौर पर उस दिशा से जुड़ा होता है जिस दिशा में उसके युवा आगे बढ़ते हैं।