अंबाला को निपुण जिला बनाने के उद्देश्य से 11 और 12 मार्च को सभी सरकारी प्राथमिक स्कूलों की दो दिवसीय मेगा मॉनिटरिंग की जाएगी। जिले में 478 सरकारी प्राथमिक स्कूल हैं और मॉनिटरिंग अभियान में कक्षा 1, 2 और 3 के विद्यार्थियों की हिंदी और गणित से संबंधित दक्षताओं का आकलन किया जाएगा।
शिक्षा विभाग के एक अधिकारी ने बताया कि निपुण हरियाणा मिशन के तहत शिक्षा विभाग ने मार्च 2026 तक प्रदेश के कक्षा 3 तक के सभी बच्चों को कुशल बनाने का लक्ष्य रखा है। मिशन के तहत अंबाला को कुशल जिला बनाने के उद्देश्य से यह मेगा मॉनिटरिंग की जा रही है। मेगा मॉनिटरिंग के लिए जिले के सभी खंड शिक्षा अधिकारियों (बीईओ), खंड संसाधन समन्वयकों (बीआरसी), क्लस्टर प्रमुखों, खंड संसाधन व्यक्तियों (बीआरपी) और सहायक खंड संसाधन समन्वयकों (एबीआरसी) की ड्यूटी लगाई गई है।
जिला मौलिक शिक्षा अधिकारी (डीईईओ) सुधीर कालरा ने बताया कि निपुण हरियाणा मिशन नई शिक्षा नीति-2020 के तहत केंद्र के निपुण भारत कार्यक्रम के तहत एक महत्वाकांक्षी परियोजना है, जो हर राज्य में चलाई जा रही है, जिसमें हर राज्य ने अपने अलग-अलग लक्ष्य निर्धारित किए हैं। जिले के सभी 478 स्कूलों के कक्षा 1, 2 और 3 के विद्यार्थियों की हिंदी और गणित से संबंधित दक्षताओं का आकलन किया जाएगा।
अधिकारी बच्चों से हिंदी और गणित से जुड़े विषयों पर सवाल पूछेंगे। इसके बाद अधिकारी मौके पर ही गूगल फॉर्म पर रिपोर्ट भरेंगे। इस मेगा मॉनिटरिंग से बच्चों को अपनी वार्षिक परीक्षाओं में बेहतर प्रदर्शन करने में मदद मिलेगी। पिछले साल दिसंबर में विभाग के शिक्षा दीक्षा पर्यावरण कार्यक्रम के तहत सरकारी प्राइमरी स्कूलों की मेगा मॉनिटरिंग की गई थी। उस पर्यवेक्षण रिपोर्ट के आधार पर पढ़ाई में पिछड़ रहे बच्चों पर ध्यान केंद्रित करते हुए न केवल स्कूलों में मेंटरिंग विजिट बढ़ाई गई बल्कि सुधारात्मक कार्यक्रम भी चलाए गए।
जिला आधारभूत साक्षरता एवं संख्यात्मकता (एफएलएन) कार्यक्रम समन्वयक मनोज कुमार ने बताया कि इस मेगा मॉनिटरिंग से प्राप्त आंकड़ों के आधार पर जिले की एफएलएन टीम सत्र 2025-26 के अंत तक अंबाला में 100 प्रतिशत निपुणता लक्ष्य हासिल करने के लिए रणनीति तैयार करेगी।