हिमाचल प्रदेश उच्च न्यायालय ने राज्य सरकार को ऊना जिले के अंब स्थित मां चिंतपूर्णी मंदिर में पार्किंग मुद्दे के संबंध में केंद्र के सक्षम प्राधिकारियों को तीन सप्ताह के भीतर अतिरिक्त विस्तृत परियोजना रिपोर्ट (डीपीआर) प्रस्तुत करने का निर्देश दिया है।
अदालत ने सक्षम प्राधिकारियों को निर्देश दिया कि वे पहले से प्रस्तुत डीपीआर तथा प्रस्तुत किए जाने वाले प्रस्तावित अतिरिक्त डीपीआर पर चार सप्ताह के भीतर निर्णय लें।
मुख्य न्यायाधीश जी.एस. संधावालिया और न्यायमूर्ति सत्येन वैद्य की खंडपीठ ने मंदिर में बुनियादी सुविधाओं की कमी को उजागर करने वाली एक जनहित याचिका पर यह आदेश पारित किया।
सुनवाई के दौरान अदालत के संज्ञान में लाया गया कि राज्य पर्यटन एवं नागरिक उड्डयन विभाग के संयुक्त निदेशक द्वारा प्रसाद योजना के तहत मंदिर के परियोजना विकास की डीपीआर 19 दिसंबर, 2024 तक केंद्रीय पर्यटन मंत्रालय को सौंपने के लिए एक आवेदन दायर किया गया है।
हालांकि, एमिकस क्यूरी नितिन ठाकुर ने बताया कि 16 दिसंबर, 2024 को पारित आदेश के अनुसार, बुनियादी सुविधाओं की कमी देखी गई थी जिसमें पार्किंग का मुद्दा भी शामिल था। अदालत के समक्ष प्रस्तुत किया गया कि डीपीआर में पार्किंग की कमी की कठिनाई की परिकल्पना नहीं की गई है।
यह बताया गया कि 57.57 करोड़ रुपये की संशोधित डीपीआर प्रस्तावित पार्किंग के लिए पर्याप्त नहीं होगी, जो धार्मिक पर्यटन के लिए आवश्यक है।
याचिका में कहा गया कि मंदिर की ओर जाने वाले तलवारा रोड के किनारे राज्य/मंदिर ट्रस्ट श्रद्धालुओं को पर्याप्त सुविधाएं प्रदान करने के लिए आवश्यक कदम उठाने में विफल रहा है तथा शौचालय, पार्किंग आदि सहित बुनियादी सुविधाओं का अभाव है।
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