कार्य में जवाबदेही सुनिश्चित करने के लिए लोक निर्माण विभाग (पीडब्ल्यूडी) मंत्री विक्रमादित्य सिंह ने आज कहा कि खराब प्रदर्शन करने वाले अधिकारियों और ठेकेदारों के खिलाफ आरोप पत्र और काली सूची में डालने सहित सख्त कार्रवाई की जाएगी।
विक्रमादित्य ने यहां पत्रकारों से बातचीत करते हुए कहा कि लोक निर्माण विभाग के डिवीजनों को चार जोन – लाल, पीला, हरा और गैर-निष्पादित में वर्गीकृत किया गया है, जिसके आधार पर उनके प्रदर्शन की निगरानी की जाएगी।
उन्होंने वन विभाग की मंजूरी में देरी और विभाग के नाम पर भूमि का पंजीकरण न होने जैसी प्रमुख चुनौतियों पर प्रकाश डाला और कहा कि मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू की अध्यक्षता में पंचायती राज और ग्रामीण विकास विभागों के साथ एक संयुक्त बैठक की योजना बनाई जा रही है। उन्होंने कहा कि स्थानीय प्रतिनिधियों और जिला प्रशासन की भागीदारी से भूमि की पहचान और अधिग्रहण की प्रक्रिया में तेजी लाई जाएगी।
मंत्री ने सड़कों के निर्माण में स्थानीय समुदायों और पंचायतों से सहयोग मांगा। हालांकि, उन्होंने कहा कि समय पर भूमि की उपलब्धता और स्थानीय समर्थन के अभाव में सड़क निर्माण का लक्ष्य 400 से 500 किलोमीटर तक सिमट सकता है।
उन्होंने कहा, “प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के चरण-IV के अंतर्गत विस्तृत परियोजना रिपोर्ट (डीपीआर) अपलोड करने में हिमाचल प्रदेश देश में अग्रणी है तथा 1,500 किलोमीटर सड़क निर्माण के महत्वाकांक्षी लक्ष्य को प्राप्त करने की ओर अग्रसर है।”
विक्रमादित्य ने कहा कि शहरी विकास विभाग के शहरी चुनौती कोष के तहत 1,200 करोड़ रुपये की परियोजनाओं का प्रस्ताव किया गया है। जबकि 25 प्रतिशत धनराशि केंद्र और राज्य सरकारों से आएगी, बाकी बैंकों और बाजार तंत्र के माध्यम से जुटाई जाएगी। प्राथमिकता वाले क्षेत्रों में स्वच्छता, जल निकासी, पार्किंग सुविधाएं और शहरी बुनियादी ढांचे को मजबूत करना शामिल है।
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