पंजाबी विश्वविद्यालय, पटियाला में छात्र संगठनों ने 9 अगस्त को पश्चिम बंगाल के कोलकाता में आरजी कर मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल में एक छात्रा डॉक्टर के साथ हुए जघन्य सामूहिक बलात्कार और हत्या के विरोध में मोमबत्ती मार्च निकाला और विरोध प्रदर्शन किया।
विरोध मार्च के दौरान कई छात्र संगठन नेताओं ने भाषण दिए, जिनमें पीएसयू से गुरदास सिंह, पीआरएसयू से रसपिंदर सिंह जिम्मी, पीएसयू (एल) से हरप्रीत सिंह, एआईएसएफ से प्रीतपाल सिंह, एसएफआई से अमृतपाल सिंह और पीएसएफ से गगनदीप सिंह शामिल थे।
छात्रों को संबोधित करते हुए, उन्होंने इस जघन्य अपराध के दोषियों के खिलाफ कार्रवाई करने में सरकार की ढिलाई की आलोचना की। उन्होंने कहा कि पूरे देश में हर दिन बलात्कार के औसतन 90 मामले दर्ज किए जाते हैं, जबकि सालाना 33,000 से ज़्यादा मामले दर्ज किए जाते हैं।
इस स्थिति के परिणामस्वरूप, महिलाओं के लिए कार्यस्थल पर बेहतर सुरक्षा की मांग करते हुए देश भर में विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं।
छात्र नेताओं ने आगे कहा कि पहले से दर्ज मामलों में दोषी लोग पैरोल पर खुलेआम घूम रहे हैं और बिलकिस बानो मामले के दोषियों को 15 अगस्त 2022 को रिहा कर दिया गया, जिससे समाज में ऐसे जघन्य अपराधियों का हौसला बढ़ गया है।
छात्र संगठनों ने मांग की कि इस मामले की सुनवाई सुप्रीम कोर्ट के वर्तमान न्यायाधीश से कराई जाए तथा दोषियों को तत्काल कड़ी से कड़ी सजा दी जाए।