November 18, 2024
Himachal

शिमला आईएसबीटी के 6.33 करोड़ रुपये के लंबित संपत्ति कर पर उप-पैनल का गठन

राज्य सरकार ने अंतरराज्यीय बस टर्मिनस (आईएसबीटी) प्राधिकरण द्वारा नगर निगम शिमला को अदा किए जाने वाले 6.33 करोड़ रुपये के लंबित संपत्ति कर के संग्रह के संबंध में निर्णय लेने के लिए एक उप-समिति गठित की है।

नगर निगम के अनुसार, आईएसबीटी प्रबंधन को संपत्ति कर के रूप में 6.33 करोड़ रुपये का भुगतान करना है। उप-समिति इस मामले को सुलझाने के लिए उठाए जाने वाले कदमों के बारे में निर्णय लेगी।

नगर निगम शिमला के मेयर सुरेन्द्र चौहान ने कहा कि आईएसबीटी प्रबंधन को नगर निगम को कर का भुगतान करना है, जिसके लिए समय-समय पर उसे नोटिस भी जारी किए गए हैं। उन्होंने कहा कि निगम चाहता है कि उप-समिति आईएसबीटी अधिकारियों को बकाया राशि का भुगतान करने का निर्देश दे। इसके अलावा, राज्य सरकार की उप-समिति, नगर निगम आगामी मासिक आम सभा की बैठक में इस मामले पर निर्णय लेगी। उन्होंने कहा कि अगर आईएसबीटी बकाया राशि का भुगतान नहीं करता है तो नगर निगम उसके बिजली और पानी की आपूर्ति के कनेक्शन काटने की कार्रवाई करेगा।

उन्होंने कहा कि संपत्ति कर का भुगतान न करने के अलावा आईएसबीटी परिसर में कई दुकानें अवैध हैं और इस मामले में भी कार्रवाई की जाएगी।

जुलाई में नगर निगम ने एचपीएमसी एक्ट 1994 की धारा 121 के तहत आईएसबीटी प्रबंधन को अंतिम नोटिस जारी किया था, जिसमें निगम ने आईएसबीटी प्रबंधन को 31 अगस्त तक बकाया संपत्ति कर का भुगतान करने का निर्देश दिया था। हालांकि, आईएसबीटी प्रबंधन ने बकाया राशि का भुगतान करने के लिए अतिरिक्त समय मांगा था। अतिरिक्त समय दिए जाने के बावजूद आईएसबीटी प्रबंधन ने अभी तक निगम को बकाया कर का भुगतान नहीं किया है।

80 करोड़ रुपये की लागत से निर्मित इस बस स्टैंड का उद्घाटन तत्कालीन मुख्यमंत्री प्रोफेसर प्रेम कुमार धूमल ने किया था। बस स्टैंड का संचालन वर्ष 2011 से सार्वजनिक निजी भागीदारी (पीपीपी) मोड के तहत किया जा रहा है। राज्य की राजधानी के टूटीकंडी इलाके में स्थित आईएसबीटी में बस स्टैंड के अलावा कई दुकानें, एक मूवी थियेटर, खाने-पीने की दुकानें, होटल हैं।

बिजली, पानी की आपूर्ति में कटौती हो सकती है नगर निगम आगामी मासिक आम सभा की बैठक में इस मामले पर निर्णय लेगा। बकाया राशि का भुगतान न करने पर आईएसबीटी के बिजली और पानी के कनेक्शन काटने की कार्रवाई की जाएगी। आईएसबीटी परिसर में कई दुकानें भी अवैध हैं और इस मामले में कार्रवाई की जाएगी। -सुरेंद्र चौहान, शिमला मेयर

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