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पलवल सहकारी चीनी मिल में गन्ना पेराई शुरू

Sugarcane crushing started in Palwal Cooperative Sugar Mill

सरकारी स्वामित्व वाली सहकारी चीनी मिल में 41वें गन्ना पेराई सत्र का आज यहां शुभारंभ हुआ। इसका औपचारिक उद्घाटन युवा सशक्तिकरण, उद्यमिता, खेल और विधि एवं विधायी मामलों के राज्य मंत्री गौरव गौतम ने किया।

इस अवसर पर बोलते हुए गौतम ने कहा कि मिल पलवल, फरीदाबाद, नूंह और गुरुग्राम के चार जिलों के गन्ना किसानों की जरूरतों को पूरा करती है। उन्होंने कहा कि इस वर्ष अनुमानित समय में लगभग 28 लाख क्विंटल गन्ने की पेराई का लक्ष्य पार करने की उम्मीद है। उन्होंने पेराई सत्र के पहले दिन मिल में सबसे पहले अपनी उपज लाने वाले किसानों को सम्मानित किया। उन्होंने कहा कि मिल प्रबंधन ने मिल में गन्ना डालने आने वाले किसानों के लिए मात्र 10 रुपये की मामूली दर पर भोजन उपलब्ध कराने के लिए कैंटीन की सुविधा शुरू की है। इसके अलावा, किसानों के लिए विश्राम गृह, पेयजल, शौचालय और मनोरंजन कक्ष जैसी सुविधाएं भी स्थापित की गई हैं।

डीसी डॉ. हरीश वशिष्ठ के अनुसार, 1973 में पलवल सहकारी चीनी मिल सोसायटी के रूप में स्थापित इस मिल में वर्ष 1984-85 में 1250 टन प्रतिदिन (टीसीडी) की क्षमता के साथ गन्ना पेराई शुरू की गई थी। उन्होंने बताया कि वर्तमान में मिल की पेराई क्षमता 2200 टीसीडी तक पहुंच गई है, जिसमें गन्ना क्षेत्र 32 किलोमीटर के दायरे में फैला हुआ है। उन्होंने बताया कि पिछले सीजन में मिल ने 25.56 लाख क्विंटल गन्ने की पेराई की और 9.97 प्रतिशत रिकवरी के साथ 2,58,080 क्विंटल चीनी का उत्पादन किया। चीनी मिल के एमडी विशाल ने बताया कि इस सीजन में मिल को पेराई के लिए करीब 28 लाख क्विंटल गन्ना मिलने की उम्मीद है।

याद रहे कि संयुक्त किसान मोर्चा (एसकेएम) के कार्यकर्ताओं ने गन्ना पेराई सत्र शुरू होने में देरी के विरोध में 18 नवंबर को सहकारी चीनी मिल के बाहर धरना दिया था। पिछले कुछ वर्षों में मिल तकनीकी खराबी के कारण अपने संचालन में बाधा उत्पन्न करने के कारण चर्चा में रही है। पिछले साल नवंबर में औपचारिक संचालन शुरू होने के तुरंत बाद मिल के टरबाइन में खराबी के कारण इसके पेराई कार्य में चार दिनों से अधिक का ब्रेक लग गया था। बताया जाता है कि 2019-20 में इसे 12 करोड़ रुपये से अधिक की लागत से अपग्रेड किया गया था।

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