November 26, 2024
Himachal

सुख आश्रय योजना: 14 अनाथ बच्चों को निजी स्कूलों में दाखिला दिलाया गया

शिमला, 13 जून मुख्यमंत्री सुख आश्रय योजना के तहत 14 अनाथ बच्चों को प्रतिष्ठित निजी स्कूलों में दाखिला दिलाया गया है। शिशु सुधार गृह की तीन अनाथ लड़कियों को शिमला के लोरेटो कॉन्वेंट में, पांच बच्चों को शिमला के दयानंद पब्लिक स्कूल में, चार बच्चों को सोलन के पाइनग्रोव स्कूल में तथा दो बच्चों को मंडी जिले के सुंदरनगर के डीएवी स्कूल में दाखिला दिलाया गया है।

वंचितों का उत्थान हमारी प्राथमिकता राज्य सरकार ने वंचितों के उत्थान और उन्हें आवाज़ देने को सर्वोच्च प्राथमिकता दी है। हमारा राज्य अनाथों की सहायता करने और उन्हें सम्मानजनक जीवन जीने में मदद करने के लिए कानून बनाने वाला देश का पहला राज्य है। सुखविंदर सिंह सुक्खू, मुख्यमंत्री

मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा, “राज्य सरकार उनकी पढ़ाई का पूरा खर्च वहन कर रही है और संबंधित विभाग को राज्य के अन्य प्रतिष्ठित शैक्षणिक संस्थानों में अधिक अनाथ बच्चों के दाखिले की संभावनाएं तलाशने के निर्देश दिए गए हैं।”

इस योजना के तहत, बाल देखभाल संस्थानों (सीसीआई) में रहने वाले 1,084 बच्चों को वित्तीय वर्ष 2023-24 के दौरान 1.02 करोड़ रुपये की वित्तीय सहायता मिली है। इसके अतिरिक्त, 2,719 लाभार्थियों को 4,000 रुपये प्रति माह पॉकेट मनी के रूप में 4.34 करोड़ रुपये मिले हैं।

मुख्यमंत्री ने कहा, “अन्य वितरणों में त्यौहार भत्ते के रूप में 59.81 लाख रुपये, वस्त्र भत्ते के रूप में 54.20 लाख रुपये और 1,084 बच्चों के लिए पोषण आहार राशि के रूप में 32.52 लाख रुपये शामिल हैं।” चालू वित्त वर्ष में, 1,061 अनाथों को सामाजिक सुरक्षा के रूप में 1.99 करोड़ रुपये मिलने वाले हैं, 3,121 लाभार्थियों को 4,000 रुपये प्रति माह पॉकेट मनी के रूप में 16.89 करोड़ रुपये मिलेंगे और 1,025 अनाथों को त्यौहार भत्ते के रूप में जल्द ही 65.76 लाख रुपये मिलेंगे।

योजना के तहत वर्ष 2023-24 के दौरान 48 लाभार्थियों को उच्च शिक्षा के लिए 15.52 लाख रुपये की वित्तीय सहायता, 17 बच्चों को व्यावसायिक प्रशिक्षण के लिए 7.02 लाख रुपये, एक बच्चे को कौशल विकास के लिए 17,500 रुपये, तीन बच्चों को स्टार्ट-अप परियोजनाओं के लिए 6 लाख रुपये तथा दो अनाथ बच्चों को मकान निर्माण के लिए भूमि आवंटित की गई।

मुख्यमंत्री ने कहा, ‘‘राज्य सरकार ने वंचितों के उत्थान और उन्हें आवाज देने को सर्वोच्च प्राथमिकता दी है

Leave feedback about this

  • Service