N1Live National सुप्रीम कोर्ट ने चुनाव आयोग से दो सप्ताह के भीतर चुनावी बॉन्ड के माध्यम से प्राप्त फंड का डेटा मांगा
National

सुप्रीम कोर्ट ने चुनाव आयोग से दो सप्ताह के भीतर चुनावी बॉन्ड के माध्यम से प्राप्त फंड का डेटा मांगा

Supreme Court seeks data from Election Commission on funds received through electoral bonds within two weeks

नई दिल्ली, 2 नवंबर । सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को लगातार तीन दिनों तक सुनवाई के बाद चुनावी बॉन्ड योजना को दी गई चुनौतियों पर अपना फैसला सुरक्षित रख लिया।

हालांकि, अदालत ने भारतीय चुनाव आयोग (ईसीआई) को 30 सितंबर तक चुनावी बॉन्ड के माध्यम से सभी राजनीतिक दलों द्वारा प्राप्त फंड की डिटेल दो सप्ताह के भीतर जमा करने का निर्देश दिया है।

भारत के मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ और न्यायमूर्ति संजीव खन्ना, बीआर गवई, जेबी पारदीवाला और मनोज मिश्रा की अध्यक्षता वाली एक संविधान पीठ ने केंद्र और योजना को चुनौती देने वाले याचिकाकर्ताओं की दलीलें सुनीं।

केंद्र द्वारा अपनी दलीलें पूरी करने के बाद पीठ ने ईसीआई से आज तक चुनावी बॉन्ड से प्राप्त फंडिंग का डेटा कोर्ट में जमा करने को कहा है। हालांकि, ईसीआई की ओर से पेश अधिवक्ता अमित शर्मा ने बेंच को बताया कि उनके पास आवश्यक डेटा नहीं है।

पीठ ने अप्रैल 2019 में पारित एक अंतरिम आदेश के बावजूद आवश्यक डेटा बनाए नहीं रखने के लिए ईसीआई के प्रति अपनी नाराजगी व्यक्त की, जिसमें आयोग को गुरुवार तक प्राप्त चुनावी बॉन्ड के डेटा को बनाए रखने का निर्देश दिया गया था।

अधिवक्ता अमित शर्मा ने पीठ को बताया कि ईसीआई ने सोचा कि अप्रैल 2019 का आदेश केवल 2019 के लोकसभा चुनावों के संबंध में जारी चुनावी बॉन्ड तक ही सीमित था। हालांकि, पीठ ने इस दलील को स्वीकार करने से इनकार कर दिया और कहा कि आदेश के अनुसार डेटा लगातार एकत्र किया जाना था और कहा कि ईसीआई को स्पष्टीकरण मांगना चाहिए था।

अप्रैल 2019 के अंतरिम आदेश में सुप्रीम कोर्ट ने ईसीआई को निर्देश दिया था कि सभी राजनीतिक दल जिन्होंने चुनावी बॉन्ड के माध्यम से दान प्राप्त किया है, उन्हें बैंक विवरण के साथ दाताओं और प्रत्येक बॉन्ड के खिलाफ प्राप्त राशि का विस्तृत विवरण एक सीलबंद कवर में चुनाव पैनल को पेश करना चाहिए।

 

Exit mobile version