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बिहार विधानसभा मानसून सत्र : मतदाता सूची गहन पुनरीक्षण पर विपक्ष का हंगामा, पक्ष ने बताया इसे लोकतंत्र के लिए जरूरी

Bihar Assembly Monsoon Session: Opposition creates ruckus over voter list revision, party says it is necessary for democracy

बिहार विधानसभा के मानसून सत्र में मतदाता सूची गहन पुनरीक्षण को लेकर पक्ष और विपक्ष एक बार फिर से आमने-सामने आ गए हैं। विपक्ष का कहना है कि जब तक मतदाता पुनरीक्षण वापस नहीं लिया जाता, तब तक हमारा विरोध प्रदर्शन जारी रहेगा। केंद्र सरकार का यह कदम लोकतंत्र पर कुठाराघात है, जबकि सत्तापक्ष के नेताओं का कहना है कि अगर मतदाता पुनरीक्षण की प्रक्रिया के तहत फर्जी मतदाताओं के खिलाफ कार्रवाई हो रही है, तो कांग्रेस और राजद को इससे दर्द क्यों हो रहा है?

सीपीआई माले के विधायक महबूब खान ने कहा कि जब तक मतदाता सूची गहन पुनरीक्षण प्रक्रिया को वापस नहीं लिया जाता है, तब तक हमारी यह लड़ाई जारी रहेगी। हम इसके विरोध में प्रदर्शन करते रहेंगे। इस संबंध में सदन में कार्य स्थगन दिया गया है। इसे स्वीकृत किया जाए, नहीं तो हमारी यह लड़ाई सदन के अंदर और बाहर दोनों जगह जारी रहेगी। अब तक 73 लाख लोगों का नाम काटा जा चुका है। आने वाले दिनों में 2 करोड़ लोगों का नाम काटने की साजिश है। जिसे हम किसी भी कीमत पर स्वीकार नहीं कर सकते हैं। हम इसके विरोध में हल्ला बोलते रहेंगे।

कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष राजेश राम ने मतदाता पुनरीक्षण को केंद्र सरकार की तरफ से होने वाला काम बताया और कहा कि ऐसा करके केंद्र सरकार वोट बंदी की कोशिश करना चाहती है। हम चाहते हैं कि इस पर खुलकर चर्चा हो। लेकिन, सरकार इस पर किसी भी प्रकार की चर्चा के लिए तैयार नहीं है।

कांग्रेस विधायक प्रतिमा दास ने मतदाता पुनरीक्षण पर चर्चा की मांग की और कहा कि सरकार चर्चा से बच रही है। ऐसा करके यह सरकार हम लोगों की आवाज को दबाने की कोशिश कर रही है। यह लोग लोकतंत्र को खत्म करना चाहते हैं। यह लोग संविधान को कुचलना चाहते हैं। यह लोग गरीब तबके को वोट देने से वंचित करना चाहते हैं। अब इस तरह का राज बिहार में नहीं चलेगा।

बिहार सरकार में मंत्री प्रेम कुमार ने मतदाता पुनरीक्षण के फायदे बताए। उन्होंने कहा कि मतदाता पुनरीक्षण क दौरान अब तक 18 लाख मतदाता मृत पाए गए हैं और 26 लाख व्यक्ति अस्थायी रूप से प्रदेश से बाहर चले गए हैं। इलेक्शन कमीशन अच्छा काम कर रही है। दो जिले ऐसे हैं, जहां पर जनसंख्यिकी पूरी तरह से बदल चुकी है। अगर उत्तर बिहार की बात करें, तो कटिहार, पूर्णिया, अररिया और किशनगंज में बांग्लादेशी घुसपैठियों के कारण हिंदुओं की संख्या में तेजी से गिरावट दर्ज की जा रही है। यह चिंता का विषय है।

उन्होंने कहा कि मतदाता पुनरीक्षण से भारत में फर्जी तरीके से रह रहे लोगों पर अंकुश लग सकेगा। इससे राजद और कांग्रेस की दुकानें बंद होंगी। विरोधी दलों को इलेक्शन कमीशन का साथ देना चाहिए। साथ ही, मैं मांग करता हूं कि पूरे देश में मतदाता पुनरीक्षण कराए जाएं, ताकि फर्जी मतदाताओं को चिन्हित किया जा सके।

भाजपा विधायक पवन जायसवाल ने कहा कि चुनाव आयोग का कहना है कि बिहार में 52 लाख मतदाता फर्जी पाए गए हैं। अब जब ऐसे सभी फर्जी मतदाताओं के खिलाफ कार्रवाई हो रही है, तो विपक्ष विरोध प्रदर्शन कर रहा है, जो इस बात का प्रमाण है कि इन्हीं लोगों ने फर्जी लोगों का नाम मतदाता सूची में दर्ज करवाया था। यह लोग फर्जी वोटिंग करते थे। आखिर आप लोग फर्जी मतदाताओं की पैरवी क्यों कर रहे हैं। चुनाव आयोग ने मतदाता सूची में पुनरीक्षण करके अच्छा कदम उठाया है। इससे विपक्ष के लोगों को मिर्ची लगी हुई है और यह लोग विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं। लोकतंत्र में फर्जी मतदाताओं का क्या काम है।

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