April 9, 2025
Uttar Pradesh

रामनवमी पर रामलला का सूर्य तिलक पीएम मोदी की परिकल्पना: चंपत राय

Surya Tilak of Ramlala on Ram Navami is the idea of ​​PM Modi: Champat Rai

अयोध्या, 9 अप्रैल। रामनवमी पर श्री रामलला का सूर्य तिलक प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सोच का नतीजा थी और इसकी जानकारी राम मंदिर ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय ने दी। इसके साथ ही उन्होंने सूर्य किरणों से रामलला के तिलक की अनूठी व्यवस्था से लेकर परकोटे और मुख्य मंदिर में राम दरबार की मूर्तियों की स्थापना तक का ब्यौरा दिया।

चंपत राय ने मीडिया से बातचीत में इसका खुलासा किया। उन्होंने बताया कि रामनवमी पर भगवान सूर्य की किरणों से रामलला के माथे पर तिलक की परिकल्पना प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की थी। उन्होंने तीन साल पहले इस विचार को व्यक्त किया था, जिसके बाद वैज्ञानिकों ने इस पर कार्य शुरू किया। अब स्थायी तौर पर सूर्य तिलक की व्यवस्था को मूर्त रूप दे दिया गया है। यह तकनीक न केवल आध्यात्मिक दृष्टि से महत्वपूर्ण है, बल्कि वैज्ञानिक कौशल का भी परिचय देती है।

चंपत राय ने मंदिर निर्माण से जुड़े कुछ तथ्य भी साझा किए। उन्होंने बताया कि परकोटे में छह मंदिरों की स्थापना का कार्य तेजी से चल रहा है। इसमें शेषावतार मंदिर, लक्ष्मण जी का मंदिर, अगस्त ऋषि, निषाद राज, अहिल्या और शबरी की मूर्तियां शामिल हैं। ये मूर्तियां लगभग तैयार हो चुकी हैं और इनके सिंगार का कार्य अंतिम चरण में है। परकोटे और मुख्य मंदिर में राम दरबार की मूर्तियां सफेद मकराना मार्बल से बनाई जा रही हैं। 15 अप्रैल के बाद इन मूर्तियों को जयपुर से अयोध्या लाने की प्रक्रिया शुरू होगी। 18 प्रतिमाएं 30 अप्रैल को अक्षय तृतीया के शुभ मुहूर्त पर मंदिरों में स्थापित की जाएंगी। इसके बाद जून माह में तीन दिवसीय प्राण प्रतिष्ठा समारोह का आयोजन होगा, जिसमें मुख्य मंदिर के राम दरबार और परकोटे के सप्त मंदिरों की मूर्तियों को प्राण प्रतिष्ठित किया जाएगा।

मंदिर निर्माण की प्रगति पर जानकारी देते हुए चंपत राय ने बताया कि मंदिर के शिखर का पूजन हो चुका है और शिखर पर लगाए जाने वाले ध्वज दंड अयोध्या पहुंच गए हैं। ये ध्वज दंड मजबूत और आकर्षक हैं, जिन्हें सामूहिक पूजन के बाद शिखर पर स्थापित किया जाएगा।

चंपत राय ने बताया कि राम मंदिर के चार मुख्य द्वार बनाए जाएंगे, जो हिंदू धर्म की चार परंपराओं के नाम पर होंगे। इन द्वारों का नाम महापुरुषों के नाम पर रखा जाएगा। इसके अलावा, मंदिर परिसर में तीन और मूर्तियां स्थापित की जाएंगी, जिनमें संत त्यागराज और पुरंदर दास की मूर्तियां शामिल हैं। तीसरी मूर्ति के चयन को लेकर विचार-विमर्श जारी है। साथ ही, रामायण में भगवान राम की सेवा में योगदान देने वाली गिलहरी की मूर्ति को भी परिसर में ऐसी जगह स्थापित किया जाएगा, जहां श्रद्धालु उसके साथ तस्वीरें ले सकें।

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