हरियाणा में भाजपा की लगातार तीसरी जीत का श्रेय मुख्य चुनाव रणनीतिकार और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह तथा उनके विश्वस्त सहयोगियों की टीम द्वारा की गई सूक्ष्म प्रबंधन रणनीति को देते हुए भाजपा अध्यक्ष मोहन लाल बडोली ने आज कहा कि कांग्रेस अपने वरिष्ठ नेताओं के अहंकार के कारण हारी।
बडोली नेके डिजिटल शो #डिकोडहरियाणा के लिए एक विशेष साक्षात्कार के दौरान कहा, “जबकि भाजपा की सुव्यवस्थित संगठनात्मक मशीनरी, जिसका नेतृत्व उसके सीएम चेहरे नायब सिंह सैनी कर रहे थे, लोगों का विश्वास जीतने में सक्षम थी, आरक्षण सहित विभिन्न मुद्दों पर कांग्रेस की झूठी कहानी, इसके वरिष्ठ नेताओं के अहंकार के साथ मिलकर भगवा पार्टी के पक्ष में काम किया, जिससे उसे ऐतिहासिक हैट्रिक मिली।”
विधानसभा चुनाव के दौरान कांग्रेस भाजपा के राजनीतिक गणित को समझने में असमर्थ रही… उसके नेताओं का अहंकार कांग्रेस की कमजोरी साबित हुआ।’ – मोहन लाल बडोली, भाजपा प्रदेश अध्यक्ष
कांग्रेस इतनी अहंकारी है कि उसने अपने उम्मीदवारों के तर्कहीन बयानों के ज़रिए न सिर्फ़ अपने वरिष्ठ नेताओं का बल्कि हरियाणा के ‘स्वाभिमानी’ लोगों का भी अपमान किया है, बडोली ने आरोप लगाया कि कांग्रेस ने AAP जैसे अपने इंडिया ब्लॉक पार्टनर्स को भी छोड़ दिया है। उन्होंने दावा किया, “विधानसभा चुनाव से पहले, कांग्रेस बीजेपी के राजनीतिक गणित को समझने में पूरी तरह से असमर्थ थी… उसके नेताओं का अहंकार कांग्रेस की कमज़ोरी साबित हुआ।”
जाट-गैर जाट की कहानी को कांग्रेस की देन बताते हुए बडोली ने कहा कि जाट और किसान, जो समाज के सभी वर्गों से आते हैं, भी पार्टी का वोट बैंक हैं। उन्होंने कहा, “हम अपने पारंपरिक वोट बैंक को बनाए रखते हुए अपने वोट शेयर में 2-3% की वृद्धि करने में सक्षम थे, जिससे हमें स्पष्ट बहुमत प्राप्त करने में मदद मिली।”
चुनाव प्रचार के दौरान भाजपा द्वारा पूर्व मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर को कथित तौर पर सत्ता विरोधी लहर को मात देने के लिए “दरकिनार” किए जाने पर बडोली ने दावा किया कि हालांकि चुनाव रणनीति अमित शाह के नेतृत्व में क्रियान्वित की गई थी, लेकिन खट्टर पार्टी के प्रमुख योजनाकारों में से एक थे।
हरियाणा सरकार का नेतृत्व करने वाले विधायक दल के नेता के चुनाव के बारे में पूछे गए सवाल का सीधा जवाब देने से बचते हुए उन्होंने कहा कि हालांकि पार्टी ने चुनाव से पहले सैनी को मुख्यमंत्री पद का चेहरा घोषित किया था, लेकिन भाजपा के 48 निर्वाचित विधायकों द्वारा अभी कुछ “संवैधानिक औपचारिकताएं” पूरी की जानी बाकी हैं।
उन्होंने दावा किया कि केंद्र में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और राज्य में कार्यवाहक मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी के नेतृत्व वाली डबल इंजन सरकार की कल्याणकारी पहलों ने पार्टी को कांग्रेस के खिलाफ लहर मोड़ने में मदद की।