नई दिल्ली, नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) ने रियल्टी डेवलपर द्वारा दायर एक अपील पर विचार करते हुए एक संयुक्त समिति को ओमेक्स चंडीगढ़ एक्सटेंशन हाउसिंग प्रोजेक्ट का दौरा करने और दो महीने के भीतर पर्यावरण मंजूरी पर एक रिपोर्ट दाखिल करने का निर्देश दिया है।
एनजीटी अध्यक्ष न्यायमूर्ति आदर्श कुमार गोयल की अध्यक्षता वाली पीठ ने कहा, “हम इस स्तर पर कोई अंतरिम राहत देने के इच्छुक नहीं हैं, लेकिन कोई भी चल रहा निर्माण आगे के आदेशों के अधीन होगा।” 25 मई के आदेश में कहा गया है कि डेवलपर के कथित उल्लंघनों में वन भूमि का डायवर्जन, अपशिष्ट जल के निपटान की व्यवस्था की अपर्याप्तता, यातायात प्रबंधन, वर्षा जल पुनर्भरण गड्ढों की अनुपस्थिति और ठोस कचरे के प्रबंधन की अपर्याप्तता शामिल है।
परियोजना ‘ओमैक्स चंडीगढ़ एक्सटेंशन’ के विस्तार के लिए 15 जुलाई, 2021 के प्रस्ताव के संदर्भ में राज्य स्तरीय पर्यावरण प्रभाव आकलन प्राधिकरण (एसईआईएए), पंजाब द्वारा 19 जनवरी को पर्यावरण मंजूरी (ईसी) पर अपील की गई थी। अपीलकर्ता के अनुसार, पहले से पर्यावरण मंजूरी के बिना निर्माण में उल्लंघन के लिए परियोजना प्रस्तावक को जिम्मेदार ठहराए बिना 6,48,511.154 वर्गमीटर के विशाल क्षेत्र के लिए पर्याप्त निर्माण पहले ही किया जा चुका था।
याचिका में कहा गया है कि पहले ईसी सिर्फ 2,89,325 वर्गमीटर के लिए ली गई थी। कंपनी ने सही जानकारी नहीं दी और नायब तहसीलदार की गलत रिपोर्ट दाखिल की, जिस पर बिना किसी सत्यापन के कार्रवाई की गई। अपील पर विचार करते हुए, ग्रीन कोर्ट ने कहा, “हालांकि अपीलकर्ता के लिए कोई भी उपस्थित नहीं हुआ है। ऐसे में उपरोक्त के संबंध में, हमें एसईआईएए और परियोजना प्रस्तावक से प्रतिक्रिया की आवश्यकता है और क्षेत्रीय अधिकारी, एमओईएफएंडसीसी, क्षेत्रीय अधिकारी, सीपीसीबी, एसईआईएए, पंजाब और राज्य पीसीबी की संयुक्त समिति से एक स्वतंत्र तथ्यात्मक रिपोर्ट की आवश्यकता है। क्षेत्रीय अधिकारी, सीपीसीबी और राज्य पीसीबी समन्वय और अनुपालन के लिए संयुक्त रूप से नोडल एजेंसी के रूप में कार्य करेंगे।”
अब इस मामले की अगली सुनवाई 26 अगस्त को होगी।
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