ओडिशा के उपमुख्यमंत्री कनक वर्धन सिंह देव ने मंगलवार को कहा कि देश को विकसित बनाने के लिए 2047 तक का लक्ष्य रखा गया है और देश का पूर्वी राज्य ओडिशा 2036 में ही विकसित बन जाएगा।
मुंबई के ताज महल पैलेस में आयोजित सीआईआई ईस्ट इंडिया समिट 2025 के साइडलाइन में वर्धन सिंह देव ने मीडिया से कहा, “भारत के आर्थिक विकास के लिए प्रधानमंत्री मोदी ने 2047 का लक्ष्य रखा है जबकि राज्य ने अपनी स्थापना के 100 वर्ष पूरे होने के साथ ही आर्थिक विकास का यह लक्ष्य 2036 रखा है।”
उन्होंने कहा कि ओडिशा 100 वर्षों में पूरी तरह से विकसित हो जाएगा, इसलिए हम आगे बढ़ने का प्रयास कर रहे हैं और भारत सरकार राज्य से जो अपेक्षा करती है उसे पूरा करने का हर संभव प्रयास किया जा रहा है।
उन्होंने उद्योगों को लेकर कहा, “ओडिशा टूरिज्म, एग्री फूड प्रोसेसिंग, स्टील, एनर्जी सेक्टर, कोल, थर्मल पावर और सोलर आदि जैसे उद्योगों को आमंत्रित करना चाहेगा। हम पंप स्टोरेज प्रोजेक्ट, बैटरी स्टोरेज प्रोजेक्ट की भी तलाश कर रहे हैं। भारत के विकास में पूर्वी राज्यों में ओडिशा अग्रणी होगा।”
उन्होंने बताया कि हम एग्रो-इंडस्ट्रीज विकसित करना चाहते हैं, जहां उर्वरकों का इस्तेमाल कम हो।
वर्धन सिंह देव ने पर्यटन क्षेत्र को लेकर कहा कि हम पर्यटन का विकास कर सकते हैं, हम एग्री-टूरिज्म करना चाहते हैं क्योंकि कोई भी कृषि को पर्यटन के दृष्टिकोण से नहीं देखता।
उन्होंने ऑपरेशन सिंदूर का उदाहरण देते हुए कहा, “हम रक्षा उत्पादन पर भी विचार कर रहे हैं। ऑपरेशन सिंदूर में जिन ड्रोन का इस्तेमाल किया गया था, वो कुछ उड़िया लड़कों ने बनाए थे। वे स्टार्ट-अप थे।”
‘सीआईआई ईस्टर्न रीजन’ ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर एक पोस्ट में लिखा कि यह समिट राज्य सरकारों, नीति निर्माताओं, उद्योग जगत के दिग्गजों, निवेशकों और विचारकों को पूर्वी भारत की अपार आर्थिक क्षमता का दोहन करने के लिए एक साथ लाता है।
समिट में अपने संबोधन के दौरान कनक वर्धन सिंह ने कहा कि ओडिशा के औद्योगीकरण की यात्रा देश के सबसे अधिक इंडस्ट्री-फ्रेंडली एनर्जी ट्रैफिक में से एक द्वारा संचालित है।
उन्होंने कहा, “शुल्क रियायतों और विश्वसनीय बिजली जैसी सहायक नीतियों के साथ, यह राज्य उद्योगों के लिए एक हब के रूप में उभर रहा है।”
वर्धन सिंह देव ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर इस समिट को लेकर जानकारी देते हुए कहा, “इस समिट में विचारकों, नीति निर्माताओं और उद्योग जगत के अग्रणी लोगों ने पूर्वी भारत के विकास के लिए एक साहसिक दृष्टिकोण तैयार किया।”
उन्होंने आगे कहा कि राष्ट्रीय मंच पर अपने राज्य की आकांक्षाओं को प्रस्तुत करने का अवसर मिलने के लिए आभारी हूं।