कांग्रेस नेता सचिन सावंत ने भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) पर तीखा हमला बोलते हुए आरोप लगाया कि चुनाव आयोग की प्रक्रिया भाजपा को लाभ पहुंचाने के उद्देश्य से संचालित की गई थी।
सचिन सावंत ने कहा कि राहुल गांधी ने भी इस मुद्दे को स्पष्ट किया है और जल्द ही कांग्रेस इस संबंध में ठोस सबूत पेश करेगी। उन्होंने सवाल उठाया कि मतदाता सूची से हटाए गए लोगों के नाम और इसके पीछे का आधार क्या था? इस मामले की गहन जांच जरूरी है, ताकि सच्चाई सामने आए।
उन्होंने मालेगांव विस्फोट मामले में फरार आरोपियों रामचंद्रन कलसांगरा और संदीप डांगे का जिक्र करते हुए सवाल किया कि 2008 से फरार इन लोगों को अब तक क्यों नहीं पकड़ा गया? मालेगांव मामले में सावंत ने जांच की प्रक्रिया पर भी सवाल उठाए। उन्होंने कहा कि 17 साल बाद अब इस मामले में नए खुलासे सामने आ रहे हैं, जो हैरान करने वाले हैं।
सचिन सावंत ने पूर्व पुलिस अधिकारी परमबीर सिंह का नाम लेते हुए कहा कि वे अब भाजपा के संरक्षण में हैं। उन्होंने पूछा कि 2014 से अब तक भाजपा की सरकार होने के बावजूद यह मुद्दा पहले क्यों नहीं उठा। मालेगांव ब्लास्ट की जांच को ठीक से नहीं किया गया। इस मामले में पारदर्शिता लाई जाए और दोषियों को सजा दी जाए।
सचिन सावंत ने आगे कहा कि यदि भाजपा को लगता है कि 2008-2014 के दौरान अत्याचार हुए तो अजीत पवार से पूछें। उस समय की सरकार में शामिल अजीत पवार अब भाजपा के साथ सत्ता में हैं, इस बारे में उनसे सवाल किया जाना चाहिए।
महाराष्ट्र सरकार के मंत्री माणिकराव कोकाटे के विभाग बदलने पर भी सचिन सावंत ने निशाना साधा। उन्होंने इसे किसानों का अपमान करार दिया। सावंत ने कहा कि जिन मंत्रियों पर आरोप हैं, उन्हें इस्तीफा देना चाहिए था या उन्हें मंत्रिमंडल से बर्खास्त कर दिया जाना चाहिए था। इसके बजाय सरकार ने उन्हें बचाने की कोशिश की और अब उन्हें खेल जैसे महत्वपूर्ण विभाग की जिम्मेदारी सौंप दी गई।