N1Live Entertainment पहली फिल्म ‘बॉर्डर’ थी, जो मैंने अपने पिता के साथ थिएटर में देखी थी : मृणाल ठाकुर
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पहली फिल्म ‘बॉर्डर’ थी, जो मैंने अपने पिता के साथ थिएटर में देखी थी : मृणाल ठाकुर

The first film I saw in the theater with my father was 'Border': Mrunal Thakur

मुंबई, 17 नवंबर । अभिनेत्री मृणाल ठाकुर ने अपने पहले सिनेमाई अनुभव को याद करते हुए बताया कि उन्‍होंने जेपी दत्ता की प्रतिष्ठित फिल्म ‘बॉर्डर’ पहली बार देखी थी। तब से, वह सेना के जवानों के जीवन और उनकी वीरता की कहानियों से प्रेरित हैं।

अभिनेत्री ने कहा, “बॉर्डर एक ऐसी फिल्म थी, जिसने मुझ पर एक अमिट छाप छोड़ी और इसने हमारे बहादुर सैनिकों के जीवन में मेरी रुचि जगाई। पिप्पा पर काम करने से मुझे उसी दुनिया में फिर से जाने और हमारे सशस्त्र बलों द्वारा किए गए बलिदानों के साथ गहरा जुड़ाव महसूस करने का मौका मिला।”

मृणाल ने ‘पिप्पा’ की फिल्मांकन प्रक्रिया के दौरान अपनी भावनात्मक यात्रा को दर्शाते हुए साझा किया, “यह पहली फिल्म थी जो मैंने अपने पिता के साथ थिएटर में देखी थी और मैं हमेशा एक ऐसी फिल्म का हिस्सा बनने के लिए गहराई से प्रेरित थी जो सशस्त्र बलों की वीरता और ताकत को प्रदर्शित करती है।”

पिप्पा में मृणाल रॉ द्वारा नियुक्त एक खुफिया अधिकारी की भूमिका निभाती हैं, एक ऐसी भूमिका जो उनकी अभिनय क्षमता को दर्शाती है। वह प्रतिभाशाली अभिनेता ईशान खट्टर और प्रियांशु पेनयुली की ऑन-स्क्रीन बहन की भूमिका भी निभाती हैं, जो कहानी में एक सम्मोहक गतिशीलता लाती है।

‘द बर्निंग चैफीज’ पुस्तक पर आधारित यह फिल्म 1971 के भारत-पाकिस्तान युद्ध के दौरान 45वें कैवेलरी टैंक स्क्वाड्रन के ब्रिगेडियर बलराम सिंह मेहता के वीरतापूर्ण कारनामों के इर्द-गिर्द घूमती है, जहां उन्होंने अपने भाई-बहनों के साथ बांग्लादेश की मुक्ति में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी।

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