मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि राज्य सरकार ने चालू वित्त वर्ष में नाबार्ड से 903.21 करोड़ रुपये की 127 परियोजनाओं को मंजूरी प्रदान की है। मुख्यमंत्री ने यह बात आज यहां कांगड़ा, कुल्लू और किन्नौर जिलों के विधायकों के साथ 2025-26 के बजट के लिए उनकी प्राथमिकताओं पर चर्चा करने के लिए आयोजित बैठक की अध्यक्षता करते हुए कही।
सीएम ने कहा कि इन परियोजनाओं में लोक निर्माण विभाग के तहत 412.75 करोड़ रुपये की लागत वाली 50 विधायक प्राथमिकता वाली योजनाएं और जल शक्ति विभाग के तहत 179.07 करोड़ रुपये की लागत वाली 23 योजनाएं शामिल हैं। उन्होंने कहा, “इन योजनाओं में राज्य की दो प्रमुख पहल शामिल हैं, जिनमें कांगड़ा जिले के डगवार में 1.5 लाख लीटर प्रतिदिन (एलएलपीडी) क्षमता वाला डेयरी प्रसंस्करण संयंत्र और 96 इलेक्ट्रिक बस चार्जिंग स्टेशन स्थापित करना शामिल है।”
मुख्यमंत्री ने कहा कि मार्च, 2025 तक नाबार्ड से विधायक प्राथमिकता वाली और अधिक परियोजनाओं के लिए मंजूरी प्राप्त करने के प्रयास किए जा रहे हैं। उन्होंने कहा, “इसके अलावा, सरकार ने 2024-25 के लिए ग्रामीण बुनियादी ढांचा विकास निधि (आरआईडीएफ) के तहत 1087.77 करोड़ रुपये आवंटित किए हैं, जो पिछले वर्ष की तुलना में 5.28 प्रतिशत अधिक है।”
सुखू ने कहा कि राज्य सरकार समग्र और समावेशी विकास के लिए ‘व्यवस्था परिवर्तन’ के आदर्श वाक्य के साथ काम कर रही है। उन्होंने कहा कि पिछले दो वर्षों में शिक्षा, स्वास्थ्य सेवा, स्वरोजगार, पर्यटन, बुनियादी ढांचे, कृषि, बागवानी, उद्योग और महिला एवं बाल विकास जैसे क्षेत्रों में महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए हैं। उन्होंने कहा, “सरकार ने मनरेगा श्रमिकों की दैनिक मजदूरी 240 रुपये से बढ़ाकर 300 रुपये कर दी है, जिससे हजारों श्रमिकों को लाभ हुआ है।”
उन्होंने कहा कि आगामी तीन वर्षों में राज्य सरकार ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूत करने के लिए विभिन्न योजनाएं शुरू करेगी, जिससे स्थानीय युवाओं के लिए रोजगार के अवसर पैदा होंगे। उन्होंने कहा, “राज्य में पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए भी प्रयास किए जा रहे हैं, जिसमें धार्मिक और चाय पर्यटन पर विशेष ध्यान दिया जाएगा।” उन्होंने कहा कि राज्य में संभावित कार्यान्वयन के लिए पश्चिम बंगाल के चाय पर्यटन मॉडल का भी अध्ययन किया जाएगा।
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