कोलकाता, 16 जनवरी। कलकत्ता उच्च न्यायालय ने 7 जनवरी, 2011 को पश्चिम बंगाल के झाड़ग्राम जिले के नेताई में अंधाधुंध गोलीबारी से संबंधित मामले में मुख्य आरोपी को सोमवार को जमानत दे दी। गोलीबारी में नौ लोगों की मौत हो गई थी।
सीपीआई-एम नेता रथिन दंडपते, जिनके आवास पर कथित गोलीबारी हुई थी, को 10 साल तक सलाखों के पीछे रहने के बाद आखिरकार जमानत मिल गई।
न्यायमूर्ति जॉयमाल्या बागची और न्यायमूर्ति पार्थ सारथी सेन की खंडपीठ ने जमानत देते हुए कहा कि चूंकि मामले में सभी संबंधित दस्तावेज जब्त कर लिए गए हैं और गवाही की प्रक्रिया में महत्वपूर्ण प्रगति हुई है, इसलिए जमानत याचिका से इनकार करने का कोई कारण नहीं है।
इससे पहले दंडपते ने जमानत याचिका के लिए कई बार गुहार लगाई थी, लेकिन सभी खारिज कर दी गईं।
इससे पहले मामले के दो अन्य आरोपी गंदिबन रॉय और पिंटू रॉय को जमानत पर रिहा कर दिया गया था। 7 जनवरी, 2011 को कथित तौर पर वामपंथी चरमपंथियों के गढ़ रहे नेताई स्थित दंडपटे के आवास से हुई गोलीबारी में कम से कम नौ लोग मारे गए और 28 अन्य घायल हो गए।
यह आरोप लगाया गया था कि सीपीआई-एम दंडपते के आवास से एक सशस्त्र शिविर चला रही थी।
नेताई की घटना को अक्सर पश्चिम बंगाल में 34 साल लंबे वाम मोर्चा शासन के ताबूत पर आखिरी कील कहा जाता है। उसी वर्ष राज्य विधानसभा चुनाव में तृणमूल कांग्रेस सत्ता में आई और मुख्यमंत्री ममता बनर्जी का शासन शुरू हुआ।
इस घटना में तब कुल 20 स्थानीय सीपीआई-एम नेताओं को गिरफ्तार किया गया था।
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