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शिरडी, महालक्ष्मी और तुलजापुर मंदिर में एडमिनिस्ट्रेटिव बैठाने वाले दलों को उस समय सेक्युलरिज्म याद नहीं आया : श्रीकांत शिंदे

The parties that appointed administrators in Shirdi, Mahalaxmi and Tuljapur temples did not remember secularism at that time: Shrikant Shinde

नई दिल्ली, 9 अगस्त । एनडीए गठबंधन में शामिल शिवसेना (एकनाथ शिंदे गुट) ने मोदी सरकार द्वारा लोकसभा में पेश किए गए वक्फ (संशोधन) विधेयक 2024 का पुरजोर समर्थन करते हुए विपक्षी दलों पर जमकर निशाना साधा।

शिवसेना (एकनाथ शिंदे गुट) के सांसद श्रीकांत शिंदे ने बिल का विरोध करने वाले कांग्रेस और एनसीपी पर तीखा हमला बोलते हुए कहा कि इस देश में एक ही कानून चलेगा। इन्हें अलग कानून क्यों चाहिए? इस बिल को लाने का मकसद ट्रांसपेरेंसी और अकाउंटेबिलिटी है। जिस तरीके से इन्होंने पूरे देश में संविधान के नाम पर भ्रम फैलाने का काम किया, फिर से आज इस बिल के नाम पर भ्रम फैलाने का काम ये विपक्षी दल कर रहे हैं।

उन्होंने कहा कि यहां पर सभी लोग सेक्युलरिज्म के बारे में बात कर रहे हैं। मैं इनको याद दिलाना चाहूंगा कि जब इनकी सरकार थी, तब महाराष्ट्र के मंदिर चाहे उसमें शिरडी हो, कोल्हापुर का महालक्ष्मी मंदिर हो, तुलजापुर मंदिर हो, वहां पर एडमिनिस्ट्रेटिव बैठाने का काम भी इन्होंने ही किया था। उस समय इनको सेक्युलरिज्म याद नहीं आया, तब इनको फेडरलिज्म याद नहीं आया। जब यह देश एक कानून से चलेगा तो यहां पर अलग कानून की जरूरत क्यों है? यहां ज्यूडिशियरी और कोर्ट पर इनको विश्वास नहीं है।

उन्होंने अपनी पार्टी की तरफ से बिल का समर्थन करने के लिए खड़े होने की बात कहते हुए कहा कि यहां पर कुछ लोग सिर्फ पॉलिटिसाइज करने का काम कर रहे हैं। जाति का नाम, धर्म का नाम लेकर इस बिल का यहां पर विरोध कर रहे हैं। जब कश्मीर से 370 हटाया गया, तब भी इन्होंने विरोध किया था। जब तीन तलाक हटाया गया था, तब भी इन्होंने विरोध किया था और आज फिर से, इस बिल का विरोध करने का काम कुछ चुनिंदा लोग कर रहे हैं।

श्रीकांत शिंदे ने आगे कहा कि इस बिल में मुस्लिम महिलाओं को रिप्रेजेंटेशन देने का काम सरकार ने किया है। जबकि, इन लोगों ने शाहबानो से न्याय को छीनने का काम किया था और मुस्लिम महिलाओं को पीछे धकेलने का काम भी किया था।

इस बिल को लाने की जरूरत के बारे में बोलते हुए शिंदे ने लोकसभा में आगे कहा कि वक्फ बोर्ड थर्ड लार्जेस्ट लैंड होल्डर है। पूरे देश में वक्फ की जमीन को लेकर 85 हजार से ज्यादा मुकदमे चल रहे हैं और 165 से ज्यादा मुकदमे सुप्रीम कोर्ट और हाईकोर्ट में हैं। उन्हें लगता है कि इस बिल से वक्फ में सुधार होगा, अच्छा डेवलपमेंट होगा। वहां स्कूल्स बनें, कॉलेज बनें और अस्पताल बनें, लेकिन, यह सब इनको नहीं चाहिए।

उन्होंने कहा कि यह लोग अपने वोट बैंक को खुश करने के लिए, एक समाज को खुश करने के लिए यहां इस बिल का विरोध कर रहे हैं। वे इस बिल का स्वागत करते हैं। जो लोग इस बिल का विरोध कर रहे हैं, वे मुस्लिम समाज को पीछे धकेलने का काम कर रहे हैं। उन्होंने विपक्षी दलों से मुस्लिम महिला, मुस्लिम बच्चे और मुस्लिम समाज को सपोर्ट करने के लिए बिल का समर्थन करने का भी आग्रह किया।

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