March 31, 2025
World

फिल्म तिब्बत में वापसी की कहानी

News from cmg ,china (17 august).

बीजिंग, 12वां पेइचिंग अंतर्राष्ट्रीय फिल्म उत्सव आयोजित हो रहा है। फिल्म ‘तिब्बत में वापसी’ श्रेष्ठ फिल्म और श्रेष्ठ निदेशक समेत नौ पुरस्कारों की प्रतिस्पर्धा में शामिल है। यह फिल्म एक व्यक्ति के जीवन की सच्ची कहानी पर आधारित है, जिसका नाम है खोंग फानसन।

खोंग फानसन ने वर्ष 1979 में तिब्बत के समर्थन वाले सरकारी कर्मचारी की हैसियत से तिब्बत की कांगबा काउंटी में उप सचिव का पद संभाला था। तीन साल में उन्होंने कांगबा के सभी ग्रामीण और चरागाह क्षेत्रों का दौरा किया और स्थानीय लोगों के साथ गहरी मित्रता कायम की।

सात साल के बाद यानी वर्ष 1988 में खोंग फानसन तिब्बत लौटकर ल्हासा के उप मेयर बने। उनके प्रयास से ल्हासा में छात्रों की स्कूल में नामांकन दर 45 प्रतिशत से बढ़कर 80 प्रतिशत तक पहुंची। उन्होंने किसानों और चरवाहों का मुफ्त इलाज भी किया।

वर्ष 1993 में खोंग फानसन ने पश्चिमोत्तर तिब्बत के आली प्रिफेक्च र में सचिव का पद संभाला था, जहां की समुद्र की सतह से औसत ऊंचाई 4,500 मीटर है। उनके प्रयास से आली में तेज आर्थिक विकास हुआ। वर्ष 1994 में क्षेत्रीय सकल राष्ट्रीय उत्पाद 18 करोड़ युआन रहा, जो वर्ष 1993 से 37.5 प्रतिशत अधिक रहा।

खेद की बात है कि 29 नवंबर 1994 को शिनच्यांग का दौरा करने के बाद रास्ते में कार दुर्घटना में 50 वर्षीय खोंग फानसन की मृत्यु हो गई। उनकी कहानी पूरे चीन में लोकप्रिय है। सभी चीनी नागरिक खोंग फानसन की भावना से प्रभावित हैं।

खोंग फानसन तिब्बत के समर्थन वाले कर्मचारियों में से एक थे। वर्ष 1994 से अब तक करीब 12,000 सरकारी कर्मचारी तिब्बत में काम करने गए हैं। इस तरह तिब्बत का व्यापक विकास हो रहा है।

Leave feedback about this

  • Service