जनशक्ति जनता दल के संस्थापक और बिहार सरकार में पूर्व मंत्री तेजप्रताप यादव ने मंगलवार को बिहार विधानसभा चुनाव के दौरान नेताओं की तरफ से खुद को ‘जननायक’ बताए जाने पर आपत्ति जताई। उन्होंने समाचार एजेंसी आईएएनएस से बातचीत में कहा कि मौजूदा स्थिति को ध्यान में रखते हुए जिस तरह से कुछ लोग खुद को ‘जननायक’ बताने की कोशिश कर रहे हैं, वो गलत है। उन्हें ऐसा नहीं करना चाहिए।
उन्होंने कहा कि जननायक मूल रूप से देखें तो महात्मा गांधी, कर्पूरी ठाकुर और डॉ. भीम राव अंबेडकर रहे हैं, जिन्होंने अपना समस्त जीवन जनता के कल्याण के लिए समर्पित कर दिया।
वहीं, जब उनसे लालू यादव के संबंध में सवाल किया गया, तो उन्होंने कहा कि लालू प्रसाद यादव ने जनता की सेवा के लिए अपना पूरा जीवन समर्पित कर दिया। वे भी एक जननायक हैं। इसलिए एक बात ध्यान रखनी होगी कि लालू प्रसाद यादव का हाथ तेजस्वी यादव और कांग्रेस नेता राहुल गांधी पर है। इसी वजह से आज की तारीख में ये दोनों ही नेता खुद को लोगों के बीच में ‘जननायक’ बता पा रहे हैं।
उन्होंने कहा कि एक बार जरा आप इन दोनों नेताओं के सिर से लालू प्रसाद यादव की छत्रछाया उठाकर देख लीजिए। इसके बाद आप दोनों नेताओं की स्थिति की कल्पना कीजिए।
साथ ही, तेजप्रताप यादव ने खुद का जिक्र करते हुए कहा कि मेरे ऊपर किसी भी बड़े नेता का हाथ नहीं है। मेरे ऊपर किसी का हाथ है, तो वो हैं बिहार के गरीब लोग। बिहार के युवा, बुजुर्ग, जो मेरे बारे में सोचते हैं और मैं उनके बारे में सोचता हूं। हम इसी सिद्धांत के साथ बिहार की जनता के बीच में काम कर रहे हैं और निसंदेह आगे भी करते रहेंगे। अगर ये लोग अपने बलबूते पर कुछ करके दिखाएं, तो हम मानेंगे।


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