फरीदाबाद में एक महिला ने रविवार शाम को कथित तौर पर अपने दो साल के बेटे को बीपीटीपी पुल से आगरा नहर में फेंक दिया, कथित तौर पर एक तांत्रिक के बहकावे में आकर, जिसने दावा किया कि बच्चा ‘सफेद जिन्न’ की संतान है और परिवार के लिए खतरा है। महिला को यह हरकत करते हुए राहगीरों ने देख लिया और तुरंत पुलिस के हवाले कर दिया।
पुलिस, अग्निशमन विभाग के कर्मचारी, राज्य आपदा प्रतिक्रिया बल (एसडीआरएफ) और स्थानीय गोताखोर रविवार रात से ही आगरा नहर में तलाश कर रहे हैं। महिला मेघा लुकरा और तांत्रिक मीता भाटिया को हिरासत में ले लिया गया है। उनके खिलाफ बीपीटीपी थाने में एफआईआर दर्ज कर ली गई है।
मेघा के पति कपिल लुकरा द्वारा दर्ज कराई गई पुलिस शिकायत के अनुसार, दंपति की शादी को 16 साल हो गए थे और वे अपने दो बच्चों – 14 वर्षीय मान्या और दो वर्षीय तन्मय, जिसे रोनिक के नाम से भी जाना जाता है, के साथ फरीदाबाद की सैनिक कॉलोनी में एक फ्लैट में रहते थे।
कपिल ने आरोप लगाया कि उनकी पत्नी लंबे समय से मीता भाटिया के संपर्क में थी। उन्होंने कहा, “तांत्रिक मेघा से कहता था कि हमारा बेटा सफ़ेद जिन्न से पैदा हुआ है और परिवार को बर्बाद कर देगा। इसके चलते मेघा मानसिक रूप से परेशान हो गई।”
रविवार शाम को करीब 5 बजे मेघा कथित तौर पर तन्मय के साथ बिना किसी को बताए घर से चली गई। कपिल को जब पता चला कि वे गायब हैं तो उसने उनकी तलाश शुरू कर दी। रात करीब 9 बजे पुलिस ने उसे बताया कि मेघा को अपने बेटे को फेंकने के संदेह में हिरासत में लिया गया है।
कपिल ने अपने बयान में कहा, “मैं बीपीटीपी पुलिस स्टेशन पहुंचा और मेघा को वहां देखकर चौंक गया। मुझे यकीन ही नहीं हुआ कि क्या हुआ था।”
प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया कि महिला पुल पर खड़ी थी और उसके हाथ में बच्चा था। जब वह बच्चे को पानी में फेंकने वाली थी, तो वहां मौजूद लोगों ने शोर मचाया और बीच-बचाव करने की कोशिश की। हालांकि महिला को तुरंत पकड़ लिया गया और डायल-112 के जरिए पुलिस को सूचित किया गया, लेकिन तब तक बच्चे को नहर में फेंक दिया गया था।
बीपीटीपी थाने के एसएचओ इंस्पेक्टर अरविंद कुमार ने बताया, “मेघा लुकरा और तांत्रिक मीता भाटिया के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया गया है। उनसे पूछताछ की जा रही है। इस बीच, पुलिस, अग्निशमन सेवा और एनडीआरएफ की टीमें बच्चे की तलाश जारी रखे हुए हैं।”
सोमवार शाम तक बच्चा नहीं मिला था। तलाशी अभियान जारी है।