पंजाब में नशे की बढ़ती संख्या के खिलाफ पंजाब सरकार नया मोर्चा संभाल रही है. आपको बता दें कि पंजाब सरकार अब नशे पर लगाम लगाने के लिए नई नीति बनाने की तैयारी कर रही है. इस नीति के कुछ निश्चित उद्देश्य होंगे जैसे पंजाब को नशा मुक्त बनाना, नशा करने वालों का पुनर्वास, नशे की लत की पूर्ण रोकथाम।
जानकारी के मुताबिक पता चला है कि पंजाब सरकार इस पॉलिसी को आने वाले 3-4 महीने में शुरू कर देगी. मुख्यमंत्री भगवंत मान ने इस नीति को शुरू करने के निर्देश जारी कर दिए हैं।
इस नीति की निगरानी के लिए मुख्य सचिव केपी सिन्हा के नेतृत्व में एक राज्य संचालन समिति का गठन किया गया है, जिसके नोडल अधिकारी प्रमुख सचिव राहुल तिवारी हैं.
इस नीति का मुख्य लक्ष्य नाबालिग रहे हैं, जिनमें हाल के दिनों में नशे की लत का चलन देखा गया है। नई नीति के मुताबिक, नशे की लत को रोकने के लिए शिक्षण संस्थानों में विशेष सत्र आयोजित किए जाएंगे, जिसमें छात्रों को नशे से होने वाले नुकसान के बारे में बताया जाएगा और अधिक जानकारी दी जाएगी.
इसी तरह पता चला है कि लुधियाना में महिलाओं के लिए नशा मुक्ति केंद्र भी स्थापित किया जा रहा है. लोकसभा के दौरान आप सरकार को विपक्षी दलों की काफी आलोचना का सामना करना पड़ा.
पिछले वर्ष भी नशे की रोकथाम के लिए अभियान चलाया गया था। इस वर्ष भी नशे के उन्मूलन पर विशेष ध्यान दिया जाएगा।
स्कूल शिक्षा विभाग और उच्च शिक्षा विभाग भी इसमें अपना पूरा योगदान देंगे, बता दें कि स्कूल शिक्षा विभाग इस नीति में मास्टर ट्रेनर तैयार करेगा जो बच्चों को नशे के प्रति जागरूक करने में मदद करेंगे. इस नीति में पंजाब पुलिस भी अपना पूरा सहयोग देगी।
इसके साथ ही यह भी गौरतलब है कि पंजाब में पहले ही 303 ड्रग सेंटर स्थापित हो चुके हैं. इनमें दवा से इलाज कराने वालों में 18 से 25 साल की उम्र के लोगों की संख्या सबसे ज्यादा है।
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