February 11, 2025
Uttar Pradesh

महाकुंभ में सात लाख श्रद्धालुओं का उपचार, मेले में देशी-व‍िदेशी विशेषज्ञों की तैनाती

Treatment of seven lakh devotees in Mahakumbh, deployment of domestic and foreign experts in the fair.

महाकुंभ नगर, 10 फरवरी । महाकुंभ में श्रद्धालुओं की स्वास्थ्य सुरक्षा के लिए व्यापक चिकित्सा व्यवस्था की गई है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर महाकुंभ नगर में सामान्य से लेकर विश्वस्तरीय इलाज की सुविधाएं उपलब्ध कराई गई हैं। इस महाकुंभ में अब तक कुल सात लाख से अधिक श्रद्धालुओं का इलाज किया जा चुका है। जिसमें कनाडा, जर्मनी, रूस के साथ एम्स दिल्ली और आईएमएस बीएचयू के एक्सपर्ट युद्धस्तर पर जुटे रहे।

महाकुंभ मेला के नोडल चिकित्सा स्थापना डॉक्टर गौरव दुबे ने बताया कि यहां एलोपैथी के 23 अस्पतालों में साढ़े चार लाख से अधिक मरीजों का उपचार किया गया। इसके अलावा तीन लाख इकहत्तर हजार श्रद्धालुओं की पैथोलॉजी जांच भी की गई। इसके साथ साथ एक्सपर्ट डॉक्टरों ने दो लाख 18 हजार मरीजों का आयुर्वेद और होम्योपैथी के जरिए उपचार किया।

आयुष मंत्रालय, भारत सरकार एवं राज्य आयुष सोसाइटी उत्तर प्रदेश के सहयोग से 20 आयुष अस्पताल महाकुंभ क्षेत्र में 24 घंटे कार्यरत हैं। इनमें आयुर्वेद के 10 और होम्योपैथी के 10 अस्पताल शामिल हैं। अब तक इस पद्धति से दो लाख अठारह हजार से अधिक श्रद्धालुओं का उपचार किया जा चुका है। इसमें एम्स आयुर्वेद, दिल्ली से 7 विशेषज्ञ डॉक्टरों के अलावा बीएचयू के डीन डॉ. वीके जोशी और कनाडा के डॉक्टर थॉमस समेत कई देशों के एक्सपर्ट चिकित्सकों ने श्रद्धालुओं का उपचार किया और उनकी जांच कर दवाएं भी उपलब्ध कराईं। क्षेत्रीय आयुर्वेदिक एवं यूनानी अधिकारी डॉ. मनोज सिंह के नेतृत्व में टीम के प्रमुख सहायक डॉ. गिरीश चंद्र पांडेय, डॉ. मुक्तेश मोहन, डीपीएम डॉ. हरि कृष्ण मिश्रा, वरिष्ठ सहायक संजय ने मोर्चा संभाल रखा है।

महाकुंभ के आयुर्वेदिक अस्पतालों में पंचकर्म, जड़ी-बूटी आधारित उपचार, योग चिकित्सा और प्राकृतिक चिकित्सा के माध्यम से रोगियों का उपचार किया जा रहा है। इसके अलावा श्रद्धालुओं को आयुष डॉकेट, योगा डॉकेट, कैलेंडर, औषधीय पौधे और स्वास्थ्य संबंधी जागरूकता सामग्री वितरित की जा रही है।

मोरारजी देसाई राष्ट्रीय योग संस्थान, नई दिल्ली से 5-5 योग प्रशिक्षकों की टीमें महाकुंभ क्षेत्र में योग सत्र संचालित कर रही हैं। इन सत्रों में विदेशी श्रद्धालु विशेष रुचि दिखा रहे हैं। जिसमें जर्मनी, स्वीडन, अमेरिका, कनाडा, फ्रांस, नेपाल आदि देशों से आए श्रद्धालुओं ने भारतीय चिकित्सा पद्धति की सराहना की।

महाकुंभ में 1 से 12 वर्ष तक के बच्चों को पुष्य नक्षत्र के दौरान विशेष आयुर्वेदिक औषधि स्वर्ण प्राशन दी जा रही है। जिससे उनकी एकाग्रता, बुद्धि कौशल, रोग प्रतिरोधक क्षमता और शारीरिक विकास में वृद्धि हो रही है।

Leave feedback about this

  • Service