March 12, 2025
National

राजस्थान के सिरोही में आदिवासी महिलाएं तैयार कर रहीं हर्बल गुलाल

Tribal women in Sirohi, Rajasthan are preparing herbal gulal

देशभर में रंगों का त्योहार होली 14 मार्च को बड़ी धूमधाम से मनाया जाएगा। होली खेलने के लिए केमिकल मुक्त गुलाल की मांग होने लगी है। राजस्थान के सिरोही जिले में प्रशासन ने हर्बल रंगों की बिक्री के लिए विशेष केंद्र बनाए हैं। जिले में पलाश के फूलों से तैयार प्राकृतिक रंग बेचे जा रहे हैं। राजस्थान के अलावा अन्य राज्यों में भी प्राकृतिक रंगों की मांग बढ़ रही है।

सिरोही जिले के आदिवासी बहुल क्षेत्र पिंडवाड़ा उपखंड के बसंतगढ़ में हर्बल गुलाल तैयार किया जा रहा है, जो प्राकृतिक होने के कारण सुरक्षित भी है। यह काफी लोकप्रिय हो रहा है।

सरकार की ‘लखपति दीदी योजना’ के तहत राजस्थान ग्रामीण आजीविका विकास परिषद (राजीविका) के सहयोग से आदिवासी महिलाएं ये गुलाल बना रही हैं। इस गुलाल को बनाने के लिए पलाश के फूलों सहित प्राकृतिक सामग्री का उपयोग होता है, जो इसे हानिरहित और त्वचा के लिए सुरक्षित बनाता है।

इस गुलाल की मांग राजस्थान के साथ-साथ अन्य राज्यों में भी बढ़ रही है। बड़ी संख्या में आदिवासी महिलाएं इस कार्य से जुड़कर अपनी आजीविका के नए साधन बना रही हैं। यह कार्य न केवल उनकी आर्थिक स्थिति को मजबूत कर रहा है, बल्कि महिला सशक्तिकरण को भी बढ़ावा दे रहा है। यह पहल ग्रामीण महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने का उदाहरण बन रही है, जिससे वे आत्मविश्वास के साथ अपने परिवार का भरण-पोषण कर रही हैं। यह हर्बल गुलाल पर्यावरण संरक्षण को भी बढ़ावा देता है और होली जैसे त्योहारों को सुरक्षित और स्वास्थ्यप्रद तरीके से मनाने का संदेश देता है।

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