हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय 7 और 8 मार्च को धर्मशाला स्थित अपने क्षेत्रीय केंद्र में ‘भारत के पर्यावरणीय इतिहास पर पुनर्विचार: मुख्य मुद्दे और चुनौतियां’ विषय पर दो दिवसीय राष्ट्रीय सम्मेलन का आयोजन करेगा।
सम्मेलन में प्रारंभिक समाजों का पर्यावरण, विज्ञान, संरक्षण और समाज के साथ संबंध, औपनिवेशिक वानिकी का समाज और अर्थव्यवस्था पर प्रभाव, वन उत्पादों का व्यावसायीकरण और वन क्षरण, औपनिवेशिक शासन के तहत वन्यजीव शिकार और इसके निहितार्थ, भारत में एनजीटी और प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की भूमिका आदि जैसे उप-विषय भी होंगे।