नई दिल्ली, 8 जुलाई । प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सोमवार को रूस और ऑस्ट्रिया के तीन दिवसीय दौरे पर रवाना हो गए हैं। इसकी जानकारी पीएम मोदी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स के जरिए दी। पीएम मोदी 8 और 9 जुलाई को मॉस्को के दौरे पर रहेंगे। जहां वह रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के साथ 22 वें भारत-रूस वार्षिक शिखर सम्मेलन में भाग लेंगे। इसके अलावा वह मास्को में भारतीय समुदाय के लोगों को भी संबोधित करेंगे। इसी बीच ‘मोदी आर्काइव’ नाम के एक्स सोशल मीडिया अकाउंट से प्रधानमंत्री मोदी की मॉस्को यात्रा से जुड़ी एक दिलचस्प कहानी साझा की गई है।
इस पोस्ट में साल 2001 की भारत-रूस शिखर सम्मेलन की फोटो भी शेयर की गई है। उस वक्त नरेंद्र मोदी गुजरात के मुख्यमंत्री थे। फोटो में उनके अलावा तत्कालीन भारत के प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी और व्लादिमीर पुतिन भी नजर आ रहे हैं।
‘मोदी आर्काइव’ नाम के अकाउंट से पोस्ट करके लिखा गया, ”भारत और रूस के बीच दीर्घकालिक संबंधों की गहरी ऐतिहासिक जड़ें हैं, जिन्हें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुजरात के मुख्यमंत्री के रूप में अपने कार्यकाल के दौरान काफी मजबूत किया है। नरेंद्र मोदी की पहली रूस यात्रा 6 नवंबर 2001 को हुई थी, जब वे गुजरात के मुख्यमंत्री थे और राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के साथ भारत-रूस शिखर सम्मेलन के लिए तत्कालीन प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के साथ मॉस्को गए थे।
पोस्ट में आगे बताया गया कि 2019 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस यात्रा को याद करते हुए कहा कि यह राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के साथ उनकी पहली मुलाकात थी। उन्होंने कहा कि एक छोटे से देश से होने और अंतरराष्ट्रीय मंच पर अपेक्षाकृत नए होने के बावजूद राष्ट्रपति पुतिन ने उनके साथ बहुत सम्मान से पेश आए, जिससे दोनों देश के बीच दोस्ती के द्वार खुल गए।
इसमें बताया गया कि इस यात्रा के दौरान तत्कालीन मुख्यमंत्री मोदी ने गुजरात और रूसी प्रांत आस्ट्राखान के बीच सहयोग के लिए एक प्रोटोकॉल समझौते पर भी हस्ताक्षर किए, जिसमें दोनों पेट्रो एवं हाइड्रोकार्बन क्षेत्रों, व्यापार, विज्ञान और प्रौद्योगिकी, शिक्षा, पर्यटन और संस्कृति के क्षेत्र में मिलकर काम करने पर सहमत हुए।
अगले वर्षों में, कई यात्राओं के माध्यम से दोनों देशों के बीच संबंध मजबूत हुए। 2006 में नरेंद्र मोदी ने आस्ट्राखान का दौरा किया। इस दौरान उन्होंने गवर्नर अलेक्जेंडर झिलकिन से मुलाकात की और सहयोग के लिए प्रोटोकॉल समझौते को अगले पांच वर्षों के लिए बढ़ा दिया गया। 2009 में उन्हें चौथे अंतर्राष्ट्रीय ऊर्जा सप्ताह को संबोधित करने और 9वें रूसी तेल और गैस सप्ताह सम्मेलन में मुख्य भाषण देने के लिए आमंत्रित किया गया था। नरेंद्र मोदी ने रूसी भाषा में बोलकर रूसी व्यापारियों को चौंका दिया था। इन सहयोगों ने गुजरात-रूस साझेदारी की नींव रखी, विशेष रूप से ऊर्जा और पेट्रोकेमिकल क्षेत्रों में। आज इस मजबूत रिश्ते का लाभ पूरे देश को मिल रहा है।