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सीएम योगी के मार्गदर्शन में नगर विकास विभाग तैयार कर रहा नई विज्ञापन नीति

Under the guidance of CM Yogi, the Urban Development Department is preparing a new advertising policy

लखनऊ, 25 अप्रैल । उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के मार्गदर्शन में नगर विकास विभाग ने नई विज्ञापन नीति-2025 का मसौदा तैयार किया है, जिसे शीघ्र ही कैबिनेट के सामने प्रस्तुत किया जाएगा। नगर विकास विभाग के संबंधित अधिकारियों ने समीक्षा बैठक में बताया कि प्रदेश की नई विज्ञापन नीति में डिजिटल और इलेक्ट्रॉनिक साइनेज के माध्यम से विज्ञापन प्रसारण को बढ़ावा दिया जाएगा।

इसके तहत क्रमिक रूप से प्रदेश के सभी जिलों में डिजिटल और इलेक्ट्रॉनिक साइनेज स्थापित किए जाएंगे और नियमावली के अनुरूप विज्ञापन प्रसारण किया जाएगा। इससे एक ओर विभाग की राजस्व आय में वृद्धि होगी तो दूसरी ओर यह पर्यावरणीय प्रदूषण को कम करने और शहरों को स्वच्छ, सुंदर और ईको-फ्रेंडली बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।

नगर विकास विभाग ने राजस्व में वृद्धि और नगर निगमों के कार्यों में एकरूपता लाने के लिए नई विज्ञापन नीति-2025 तैयार की है। सीएम योगी के मार्गदर्शन में बनी नई विज्ञापन नीति पूरे प्रदेश में डिजिटल और इलेक्ट्रॉनिक साइनेज से विज्ञापन को बढ़ावा देगी। इसका मुख्य उद्देश्य विभाग की राजस्व प्राप्तियों में वृद्धि करना और खर्च को कम करना है।

नगर विकास विभाग ने समीक्षा बैठक में बताया कि विभाग ने विज्ञापन से होने वाली आय में आगामी पांच वर्ष में सौ फीसदी वृद्धि का लक्ष्य रखा है। वर्ष 2024-25 में विभाग को जहां विज्ञापन से 78.9 करोड़ रुपए की आय प्राप्त हुई है, जिसे वर्ष 2029-30 तक 158.7 करोड़ रुपए की आय का अनुमान व्यक्त किया है।

संबंधित अधिकारी ने बताया कि डिजिटल और इलेक्ट्रॉनिक साइनेज और होर्डिंग्स के माध्यम से विज्ञापन करने से होर्डिंग, पेंटिंग, फ्लेक्स, फ्रेम, लाइटिंग आदि के खर्च में कमी आएगी। इसके साथ ही विज्ञापन प्रसारण की नई नियमावली और रेट सूची राजस्व प्राप्ति में वृद्धि लाएगी।

डिजिटल व इलेक्ट्रॉनिक होर्डिंग्स के माध्यम से विज्ञापन प्रसारण प्रदेश के नगरों को सुंदर, स्वच्छ और इको-फ्रेंडली बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका भी निभाएगा। पारंपरिक तरीके से बिलबोर्ड्स, होर्डिंग्स, पोस्टर के माध्यम से विज्ञापन प्रसारण कई तरह के केमिकल, नॉन-बायोडिग्रेडेबल कचरे को जन्म देता है, जो पर्यावरण को प्रत्यक्ष रूप से हानि पहुंचाता है। फ्लेक्स होर्डिंग को बनाने में नॉन-बायोडिग्रेडेबल सिंथेटिक पॉलिमर और कलर डाई का प्रयोग होता है, जो पर्यावरणीय प्रदूषण को बढ़ाता है। जबकि, डिजिटल और इलेक्ट्रॉनिक होर्डिंग्स की एलईडी स्क्रीन से लगभग 70 प्रतिशत तक ऊर्जा की खपत कम होती है। साथ ही इन स्क्रीन पर उच्च गुणवत्तायुक्त और इंटरैक्टिव छवियों और संदेशों का प्रसारण किया जा सकता है, जिसके निर्माण में खर्च भी कम आता है और अधिक आकर्षक भी दिखती हैं।

नई विज्ञापन नीति-2025 के तहत लगाए जाने वाली डिजिटल और इलेक्ट्रॉनिक साइनेज पर विज्ञापन प्रसारण के लिए समय सीमा और रेट लिस्ट तैयार की जा रही है, जिसे शीघ्र ही स्वीकृति के लिए कैबिनेट के सामने रखा जाएगा। विज्ञापन प्रसारण के प्रत्येक घंटे में 5 मिनट का समय नगर निगम और सरकार के सामाजिक संदेशों के प्रसारण के लिए आरक्षित होगा।

इसी प्रकार महीने में एक दिन और सालभर में अधिकतम 12 दिन सामाजिक संदेश आधारित निःशुल्क विज्ञापन का प्रसारण किया जाएगा। इसके साथ ही अप्रत्याशित घटना की स्थिति में, आपदा प्रबंधन अधिनियम 2005 के नियमानुसार जरूरी संदेशों का प्रसारण करने का प्रावधान है।

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