June 23, 2025
National

भारतीय संस्कृति की समझ डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी को पढ़ने से आएगी: वीरेंद्र सचदेवा

Understanding of Indian culture will come from reading Dr. Shyama Prasad Mukherjee: Virendra Sachdeva

महान शिक्षाविद, प्रखर राष्ट्रवादी विचारक, भारतीय जनसंघ के संस्थापक डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी की पुण्यतिथि पर दिल्ली की भाजपा इकाई के अध्यक्ष वीरेंद्र सचदेवा ने कहा कि भारतीय संस्कृति की समझ डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी को पढ़ने से आएगी। प्रदेश अध्यक्ष ने उनकी महानता को याद करते हुए कहा कि भारतीय संस्कृति की गहरी समझ उनके विचारों और कार्यों से प्राप्त होती है। डॉ. मुखर्जी एक प्रखर राष्ट्रवादी, शिक्षाविद और भारतीय जनसंघ के संस्थापक थे, जिनके योगदान को सदैव स्मरण किया जाएगा।

सोमवार को श्यामा प्रसाद मुखर्जी की पुण्यतिथि पर मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता, केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान, दिल्ली भाजपा अध्यक्ष वीरेंद्र सचदेवा सहित भाजपा सांसदों, विधायकों और मंत्रियों ने डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी की प्रतिमा पर पुष्पांजलि अर्पित की।

दिल्ली भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष ने कहा, ” हम हर साल 23 जून को यहां स्वर्गीय डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी को श्रद्धांजलि देने और उन्हें याद करने के लिए इकट्ठा होते हैं। और हर बार मैं आप सभी से कहता हूं कि अगर आप राष्ट्रवाद को समझना चाहते हैं, अगर आप राष्ट्रनीति को समझना चाहते हैं, अगर आप सही मायने में भारतीय संस्कृति को समझना चाहते हैं, तो आपको डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी के बारे में अवश्य पढ़ना चाहिए। वे एक महान विचारक, एक निडर नेता और एक सच्चे देशभक्त थे।”

वीरेंद्र सचदेवा ने संदेहास्पद परिस्थितियों में मौत की बात भी कही। बोले, “हम सभी को मालूम है कि डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी ने कहा था कि एक देश में दो विधान, दो निशान, दो प्रधान नहीं चलेंगे। उन्होंने नेहरू की इस नीति के खिलाफ आंदोलन किया। जिन परिस्थितियों में उनकी मृत्यु हुई उसे हमेशा संदेह की स्थिति से देखा गया है।”

आज मैं आप लोगों के समक्ष डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी की मां का वो पत्र पढ़कर सुनाना चाहता हूं जिसे तत्कालीन पीएम पंडित नेहरू को लिखा था। पत्र में उनकी मां ने लिखा,”मैं तुम्हारी सफाई नहीं चाहती हूं मैं जांच चाहती हूं मेरे पुत्र को गिरफ्तार करके उसे राज्य में भेजा गया जहां संविधान का कोई अधिकार नहीं था। उसे जिस परिस्थिति में रखा गया। वह असंवैधानिक था। जब उसकी तबीयत बिगड़ी उसे समुचित उपचार नहीं मिला। उसके निधन के बारे में जो जानकारी दी गई वह स्पष्ट विरोधाभासी थी। मैं तुम्हारी दलीलों को झूठा मानती हूं। कुछ छिपाने के लिए नहीं है तो न्यायिक जांच के आदेश क्यों नहीं देते हैं। भगवान और जनता के सामने जवाब देना होगा। मेरा पुत्र राष्ट्र की धरोहर था। मैं तुम्हारी सरकार पर आरोप लगाती हूं, सच को दबाया गया। जो सरकार सत्य से भागे वह न्याय कैसे करेगी।”

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