रायपुर, 20 फरवरी। छत्तीसगढ़ के 211 स्कूलों में पीएम श्री योजना का शुभारंभ करते हुए केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने कहा कि छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने शिक्षा को अपनी सर्वोच्च प्राथमिकता में रखा है। भारत सरकार शिक्षा के विकास के लिए छत्तीसगढ़ सरकार के साथ कदम से कदम मिलाकर चलेगी।
प्रधान नेे कहा कि छत्तीसगढ़ के 211 स्कूलों में पीएम श्री योजना की आज शुरुआत की गई है, जिसके तहत 2-2 करोड़ प्रति स्कूल राशि खर्च कर स्कूलों को बड़े शहरों और विश्व स्तर के आदर्श स्कूल के रूप में विकसित किया जाएगा। उन्होंने कहा कि ‘प्रधानमंत्री स्कूल फॉर राइजिंग इंडिया’ प्रधानमंत्री मोदी के विकसित भारत की परिकल्पना का प्रमुख आधार है।
कार्यक्रम से पहले अतिथियों ने आयोजन स्थल पर पीएम श्री योजना सहित शिक्षा से संबंधित योजनाओं पर लगाए गए स्टालों का अवलोकन किया। केंद्रीय मंत्री ने केंद्रीय विद्यालय, डोंगरगढ़ में डिजिटल लाइब्रेरी, रामानुज मैथ्स पार्क और नवोदय विद्यालय में वर्चुअल रियलटी का शुभारंभ किया। पीएम श्री योजना में छत्तीसगढ़ के चयनित 211 स्कूलों में एलीमेन्ट्री स्तर पर 193 और सेकेंडरी स्तर पर 18 स्कूल शामिल हैं। विद्यार्थियों को इन स्कूलों में आईसीटी, डिजिटल क्लास रूम के माध्यम से प्रदान की जाएगी। इन स्कूलों के विद्यार्थियों को व्यावसायिक शिक्षा एवं स्थानीय उद्योगों के साथ इंटर्नशिप, उद्यमिता के अवसरों से जोड़ा जाएगा।
प्रधान ने कहा, “विद्यार्थियों का आत्मविश्वास और ज्ञान का स्तर देखकर मैं यह कह सकता हूं कि छत्तीसगढ़ के आदिवासी बच्चे दूसरे राज्यों के बच्चों से काफी आगे हैं। यही छत्तीसगढ़ की सबसे बड़ी पूंजी है। बच्चों ने मुझसे ऑटोग्राफ भी लिया। चर्चा के दौरान बच्चों में क्रिटिकल थिंकिंग का रिफलेक्शन देखने को मिला।”
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि छत्तीसगढ़ में समग्र शिक्षा के विकास के लिए केंद्र सरकार हरसंभव सहयोग देगी। मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए कहा कि आज छत्तीसगढ़ के लिए ऐतिहासिक दिन है, जब प्रदेश में पीएम श्री योजना प्रारंभ हो रही है। इसकेे लिए उन्होंने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को धन्यवाद दिया।
उन्होंने कहा कि नई शिक्षा नीति के अनुरूप छत्तीसगढ़ में हम शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार कर बच्चों को आने वाले जीवन के लिए तैयार करेंगे। स्कूल शिक्षा मंत्री बृजमोहन अग्रवाल ने कहा कि मुख्यमंत्री के नेतृत्व में राज्य सरकार के बजट में 33 हजार शिक्षकों की भर्ती का प्रावधान किया गया है। हमारा प्रयास होगा कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति के अनुरूप छत्तीसगढ़ में मल्टीलेंग्वेज एजुकेशन बच्चों को दिया जाए।