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यूपी : मैस्टाइटिस रोग रोकथाम को लेकर बैठक, पशुपालकों को जागरूक करने पर जोर

UP: Meeting on prevention of mastitis disease, emphasis on making livestock farmers aware

लखनऊ, 28 मई । उत्तर प्रदेश के मुख्य सचिव मनोज कुमार सिंह की अध्यक्षता में मैस्टाइटिस रोग के प्रभावी नियंत्रण के लिए बैठक आयोजित की गई। उन्होंने दुधारू पशुओं में इस गंभीर बीमारी की रोकथाम के लिए व्यापक जागरूकता अभियान चलाने और पशुपालकों को इसके लक्षणों और बचाव के प्रति शिक्षित करने के निर्देश दिए।

मुख्य सचिव ने पशुपालकों को रोग के लक्षण पहचानने, समय पर पशु चिकित्सक से संपर्क करने और संक्रमित पशुओं का पृथक्करण करने पर विशेष जोर दिया। उनका मानना है कि केवल उपचार ही नहीं, बल्कि बीमारी के प्रति जागरूकता फैलाना भी बीमारी नियंत्रण में अहम भूमिका निभाएगा।

मुख्य सचिव मनोज कुमार सिंह ने बैठक में निर्देश दिए कि मैस्टाइटिस रोग के नियंत्रण के लिए एक सघन अभियान चलाया जाए, जिसमें व्यापक प्रचार-प्रसार के माध्यम से पशुपालकों को इस बीमारी के लक्षणों, उपचार और रोकथाम के तरीके समझाए जाएं।

उन्होंने कहा कि संक्रमित पशुओं को अन्य पशुओं से अलग रखना अनिवार्य है ताकि संक्रमण को फैलने से रोका जा सके। मुख्य सचिव ने पशुपालन विभाग से कहा कि वे इस अभियान के तहत स्पष्ट और प्रभावी एसओपी तैयार करें और इसके पालन के लिए सभी स्तरों पर समन्वय करें।

साथ ही, उन्होंने पशु आहार के मानकों व गुणवत्ता पर विशेष ध्यान देने को भी कहा, ताकि पशुओं की रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ सके। प्रमुख सचिव पशुधन के. रवींद्र नायक ने बैठक को बताया कि प्रदेश में मैस्टाइटिस के मामले लगभग 10 प्रतिशत हैं। विभाग की मोबाइल वेटनरी यूनिट्स और पशु चिकित्सालय नियमित रूप से सीएमटी किट के जरिए सब-क्लीनिकल और क्लीनिकल मैस्टाइटिस की जांच करते हैं तथा आवश्यक औषधि उपलब्ध कराते हैं।

इसके अलावा, प्रदेश के चार कृषि विश्वविद्यालयों को मैस्टाइटिस, नस्ल सुधार, बांझपन तथा अन्य संक्रामक बीमारियों के नियंत्रण हेतु विशेष कार्यक्रम संचालित करने के निर्देश दिए गए हैं। वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से सभी जिलों के मुख्य पशु चिकित्साधिकारी और वरिष्ठ अधिकारी इस बैठक में शामिल हुए।

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