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गरीब से गरीब व्यक्ति का उत्थान हमारी सर्वोच्च प्राथमिकता: राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय

हरियाणा के राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय ने बुधवार को राज्य की 15वीं विधानसभा के प्रथम सत्र को संबोधित करते हुए कहा कि गरीब से गरीब व्यक्ति का उत्थान सुनिश्चित करना वर्तमान राज्य सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है। राज्यपाल ने कहा कि बाबा साहेब डॉ. भीम राव अंबेडकर का मानना ​​था कि किसी भी समाज की प्रगति वंचित वर्गों की प्रगति पर निर्भर करती है और वर्तमान राज्य सरकार समाज के सभी पिछड़े और वंचित वर्गों के कल्याण और उत्थान के लिए प्रतिबद्ध है।

उन्होंने कहा कि सरकार की विभिन्न योजनाओं के कारण लाखों गरीब लोगों को लाभ मिला है। इसमें अनुसूचित जाति, पिछड़ा वर्ग और हर समाज और हर क्षेत्र के लोग शामिल हैं।

राज्यपाल ने कहा कि पहली बार वर्तमान राज्य सरकार ने गरीबों में यह विश्वास जगाया है कि सरकार वास्तव में उनकी है और वे इसके अभिन्न अंग हैं। पिछले 10 वर्षों में गरीबों का सशक्तिकरण राज्य की उपलब्धियों और विकास का आधार रहा है।

उन्होंने कहा कि अंतिम छोर तक सेवा पहुंचाने पर ध्यान देने से इन वर्गों के जीवन में बदलाव आया है। वंचितों की सेवा करने का यह संकल्प ही सच्चा सामाजिक न्याय है।

राज्यपाल ने बताया कि वंचितों को लाभान्वित करने के लिए सरकार ने अनुसूचित जातियों के आरक्षण को दो श्रेणियों में वर्गीकृत किया है। श्री बंडारू दत्तात्रेय ने बताया कि खुशहाल योजना के तहत राज्य में 84 लाख लोगों को प्रतिवर्ष 1000 किलोमीटर तक मुफ्त यात्रा की सुविधा प्रदान की जा रही है।

सरकार श्रमिकों को उनके कार्यस्थल के निकट आवास उपलब्ध कराने के लिए एक लाख नए मकान बनाएगी: राज्यपाल

राज्यपाल ने कहा कि वर्तमान राज्य सरकार श्रमिकों के कल्याण के लिए प्रतिबद्ध है और इसे सुनिश्चित करने के लिए एक कदम आगे बढ़ाते हुए, श्रमिकों को उनके कार्यस्थल के निकट आवास प्रदान करने के लिए एक लाख नए मकान बनाने की योजना तैयार की गई है। 

उन्होंने कहा कि भारत ‘श्रमेव जयते’ के सिद्धांत पर विश्वास करता है। भारतीय संस्कृति ने हमेशा कारीगरों और श्रमिकों को महत्व दिया है और उनका सम्मान किया है। हरियाणा को विकास के मामले में देश के अग्रणी राज्यों में से एक बनाने में मेहनतकश श्रमिकों का महत्वपूर्ण योगदान है।

राज्यपाल ने कहा कि श्रमिकों की बेटियों की शादी के लिए वित्तीय सहायता प्रदान की जाती है तथा कन्यादान योजना के तहत उन्हें 1.01 लाख रुपये प्रदान किए जाते हैं।

अब बेटी की शादी से तीन दिन पहले 75 हजार रुपए की राशि देने की नई पहल शुरू की गई है। शेष 26 हजार रुपए की राशि विवाह प्रमाण पत्र जमा कराने के बाद दी जाती है।

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