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यूपीएससी ने 9 ‘दागी’ एचसीएस अधिकारियों को आईएएस में प्रोविजनल प्रमोशन देने पर सहमति जताई

UPSC agrees to give provisional promotion to IAS to 9 'tainted' HCS officers

संघ लोक सेवा आयोग (यूपीएससी) ने आज 27 एचसीएस अधिकारियों को आईएएस में पदोन्नति देने की सिफारिश की, जिसमें 2002 बैच के नौ दागी अधिकारियों की अनंतिम पदोन्नति भी शामिल है।

दागी अधिकारियों में आठ ऐसे भी हैं जिनके खिलाफ भर्ती परीक्षा में कथित गड़बड़ी के आरोपपत्र दाखिल किए गए हैं। ये हैं जगदीप ढांडा, सरिता मलिक, कमलेश भादू, कुलधीर सिंह, वत्सल वशिष्ठ, जग निवास, वीना हुड्डा और सुरेंद्र सिंह-1। इन पर धोखाधड़ी, जालसाजी, आपराधिक षडयंत्र और भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत आरोप लगाए गए हैं।

राज्य सतर्कता एवं भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो ने 2023 में उनके खिलाफ आरोप पत्र दाखिल किया था। आरोप है कि विभिन्न विषयों के पेपरों में जानबूझकर जालसाजी करके अंकों में बढ़ोतरी करके उनका एचसीएस में चयन हुआ था। फिर भी, राज्य सरकार ने उन्हें सत्यनिष्ठा प्रमाण पत्र जारी कर दिए।

नौवें एचसीएस अधिकारी महावीर प्रसाद हैं, जो इसी बैच के हैं और एक अन्य मामले में चार्जशीट का सामना कर रहे हैं। आज की यूपीएससी बैठक में मुख्य सचिव अनुराग रस्तोगी भी मौजूद थे।

सूत्रों के अनुसार, अनंतिम रूप से पदोन्नत एचसीएस अधिकारियों को एक निश्चित समय सीमा के भीतर अपने खिलाफ दर्ज एफआईआर को रद्द कराना होगा।

दागी अधिकारियों के खिलाफ आरोप पत्र दाखिल होने के बावजूद, हरियाणा पिछले कुछ समय से उनकी पदोन्नति के लिए दबाव बना रहा था। हरियाणा के महाधिवक्ता ने भी इस मामले में सकारात्मक राय दी थी। यूपीएससी ने सॉलिसिटर जनरल से भी राय ली थी, जिन्होंने कहा था कि आरोप पत्र का सामना कर रहे अधिकारियों को अस्थायी माना जाना चाहिए

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