August 19, 2025
Entertainment

बहुमुखी प्रतिभा के धनी थे उस्ताद अब्दुल राशिद खान, ध्रुपद और धमार में कमाया नाम

Ustad Abdul Rashid Khan was a man of many talents, earned fame in Dhrupad and Dhamar

भारतीय शास्त्रीय संगीत जगत में कुछ नाम ऐसे हैं जो अमर हो जाते हैं और याद रह जाता है उनका हुनर। उस्ताद अब्दुल राशिद खान उन्हीं में से एक थे। राशिद खान को अक्सर उनके ‘ख्याल’ गायन के लिए याद किया जाता है, लेकिन उनकी कला सिर्फ इस शैली तक सीमित नहीं थी।

वे बहुमुखी प्रतिभा के धनी थे। राशिद खान ध्रुपद, धमार, और ठुमरी जैसी कई शैलियों के मास्टर भी थे। इन शैलियों में भी राशिद खान ने एक अनूठी छाप छोड़ी।

उस्ताद अब्दुल राशिद खान का ताल्लुक ग्वालियर घराने से था 19 अगस्त को राशिद खान की पुण्यतिथि है। इस अवसर पर संगीत की दुनिया में उनके योगदान को याद करना बेहतर होगा।

उस्ताद अब्दुल राशिद खान को बचपन से ही पिता और भाई से संगीत की तालीम मिली थी। ग्वालियर गायन में उनकी ट्रेनिंग हुई थी। इसके बाद उन्होंने खुद से ध्रुपद और धमार शैली की ट्रेनिंग ली। उनके गाने को बीबीसी और इराक रेडियो द्वारा रिकॉर्ड किया जाता था। उस्ताद अब्दुल राशिद खान को पद्मभूषण अवॉर्ड से भी सम्मानित किया गया था।

उस्ताद अब्दुल राशिद खान ने ध्रुपद और धमार जैसी सदियों पुरानी शैलियों को भी जीवित रखा। ये संगीत के दो ऐसे रूप हैं जो अपनी गंभीरता, अनुशासन और लय की जटिलता के लिए जाने जाते हैं। उन्होंने अपनी गायकी में ध्रुपद की गरिमा और स्थिरता को बनाए रखा। उनकी गायकी में एक तरह की भव्यता थी जो सीधे सुनने वाले के दिल में उतर जाती थी।

इसी तरह उन्होंने धमार की जटिल लयकारी को भी बड़ी सरलता से पेश किया। उनका ताल और लय पर कितना गहरा नियंत्रण था। इन शैलियों में उन्होंने अपना एक स्पर्श छोड़ा, जो सुनने वालों को काफी पसंद आता था।

ठुमरी गायकी में उस्ताद राशिद का हाथ कोई नहीं पकड़ सकता था। उन्होंने शब्दों और राग के जरिये प्रेम, विरह और समर्पण जैसे भावों को बहुत ही खूबसूरती से बयां किया। उनकी ठुमरी भी अलग स्तर की मानी जाती थी।

उस्ताद अब्दुल राशिद खान बहुमुखी प्रतिभा के धनी थे। एक ऐसा कलाकार जिसने खुद को एक शैली में बंधा नहीं। उनके 2,000 से अधिक संगीत रचनाओं को “रसन पिया” नाम की एक डॉक्यूमेंट्री में संजोया गया है।

उस्ताद अब्दुल राशिद खान को कई पुरस्कारों से भी सम्मानित किया गया था। इनमें आईटीसी संगीत रिसर्च अकादमी पुरस्कार(1994), संगीत नाटक अकादमी पुरस्कार(2009), काशी स्वर गंगा पुरस्कार (2003), भुवलका पुरस्कार(2010) और दिल्ली सरकार द्वारा लाइफटाइम अचीवमेंट अवार्ड(2013) शामिल हैं।

Leave feedback about this

  • Service