रांची, 12 अगस्त। झारखंड हाईकोर्ट ने देवघर जिले के तत्कालीन उपायुक्त मंजूनाथ भजंत्री के खिलाफ गोड्डा के भाजपा सांसद निशिकांत दुबे की ओर से दर्ज कराई गई एफआईआर को निरस्त कर दिया है। यह मामला अगस्त 2022 में देवघर एयरपोर्ट से चार्टर्ड प्लेन की उड़ान को लेकर सांसद और देवघर जिले की पुलिस एवं प्रशासन के बीच हुए विवाद से संबंधित है।
सांसद निशिकांत दुबे ने इस मामले में दिल्ली में जीरो एफआईआर दर्ज कराई थी, जिसे बाद में देवघर जिले के कुंडा थाने में स्थानांतरित कर दिया गया था। सांसद ने एफआईआर में आरोप लगाया था कि 31 अगस्त 2022 की शाम को जब वह देवघर एयरपोर्ट से दिल्ली जा रहे थे, तब उपायुक्त मंजूनाथ भजंत्री के कहने पर सुरक्षाकर्मियों ने उन्हें रोका और जान से मारने की धमकी भी दी।
निशिकांत दुबे ने आरोप लगाया था कि सांसद के तौर पर दायित्व का निर्वाह करने के उनके कार्य में भी बाधा पहुंचाई गई। आईएएस मंजूनाथ भजंत्री ने इस एफआईआर के खिलाफ झारखंड हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी। इसमें उन्होंने कहा था कि उन पर लगाए गए सारे आरोप निराधार हैं।
जस्टिस अनिल कुमार चौधरी की कोर्ट ने याचिका पर दोनों पक्षों की बहस सुनने के बाद एफआईआर को निरस्त करने का आदेश दिया। भजंत्री की ओर से अधिवक्ता इंद्रजीत सिन्हा ने दलीलें पेश की।
बता दें कि 31 अगस्त, 2022 को देवघर एयरपोर्ट पर हुए इसी विवाद को लेकर पुलिस की ओर से डीएसपी सुमन अमन की शिकायत पर देवघर जिले के कुंडा थाने में भाजपा के दो सांसदों निशिकांत दुबे और मनोज तिवारी, दिल्ली के भाजपा नेता कपिल मिश्रा सहित नौ लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई गई थी, जिसमें उन पर चार्टर्ड प्लेन की उड़ान के लिए एटीसी (एयर ट्रैफिक कंट्रोल) में घुसकर कथित तौर पर जबरन क्लीयरेंस लेने का आरोप लगाया गया था।
इस एफआईआर के खिलाफ सांसद ने झारखंड हाईकोर्ट में याचिका लगाई थी। कोर्ट ने इस पर सुनवाई करते हुए मार्च 2023 में पुलिस की ओर से दर्ज एफआईआर निरस्त कर दी थी।