चौधरी चरण सिंह हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय (एचएयू) के 56वें स्थापना दिवस के अवसर पर रविवार को यहां एक कार्यक्रम का आयोजन किया गया। कुलपति बीआर काम्बोज ने कार्यक्रम का उद्घाटन किया। कंबोज ने अपने संबोधन में कहा कि विश्वविद्यालय ने पिछले आयोजनों से प्रेरणा लेकर भविष्य के लिए रोडमैप तैयार किया है।
उन्होंने कहा, “विश्वविद्यालय में काम करने वाले हर कर्मचारी ने इसकी उपलब्धियों में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। अपने 55 साल के इतिहास में विश्वविद्यालय ने राज्य और राष्ट्रीय स्तर पर खाद्य सुरक्षा में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।” उन्होंने आगे कहा कि विश्वविद्यालय ने हरित क्रांति और पीली क्रांति में योगदान दिया है।
उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय ने हजारों विद्यार्थियों को डिग्री प्रदान की है। उन्होंने पिछले वर्ष उच्च उत्पादन देने वाली विभिन्न फसलों की उन्नत किस्में, एकीकृत कृषि प्रणाली के मॉडल, आधुनिक कृषि पद्धतियां, सब्जी पौधों की ग्राफ्टिंग पद्धति तथा ऊतक संवर्धन तकनीक के माध्यम से रोगमुक्त पौधे विकसित करने के लिए विश्वविद्यालय के वैज्ञानिकों को बधाई दी।
कुलपति ने वैज्ञानिकों से ऐसी कृषि पद्धतियां विकसित करने का आह्वान किया, जिनसे कम लागत में अधिक लाभ प्राप्त हो सके। उन्होंने कहा कि भविष्य में विश्वविद्यालय को कम सिंचित क्षेत्रों के लिए उपयुक्त तनाव-सहिष्णु किस्मों के विकास पर काम करने की आवश्यकता है।
उन्होंने कहा कि कौशल विकास के लिए विश्वविद्यालय में जल्द ही नए डिप्लोमा पाठ्यक्रम शुरू किए जाएंगे। उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय की छात्राओं के लिए सुविधाएं बढ़ाने के लिए दो छात्रावासों का निर्माण कार्य भी प्रगति पर है। उन्होंने कहा कि एबीआईसी के माध्यम से कृषि क्षेत्र में नए स्टार्टअप को बढ़ावा दिया जा रहा है और ग्रामीण क्षेत्रों में युवाओं के नवाचारों को बढ़ावा दिया जा रहा है।
कुलपति ने सूचना प्रौद्योगिकी के माध्यम से किसानों को मौसम और कृषि गतिविधियों से संबंधित जानकारी अधिक प्रभावी ढंग से उपलब्ध कराने की आवश्यकता पर बल दिया। रजिस्ट्रार डॉ. पवन कुमार ने कहा कि विश्वविद्यालय ने पिछले वर्ष अनेक उपलब्धियां हासिल कीं तथा 49 वैज्ञानिकों एवं अधिकारियों की सीधी भर्ती तथा लगभग 70 वैज्ञानिकों एवं 90 गैर-शिक्षण कर्मचारियों की पदोन्नति पर प्रकाश डाला।
पिछले वर्ष 200 से अधिक वैज्ञानिकों ने राष्ट्रीय एवं अन्तर्राष्ट्रीय स्तर के प्रशिक्षण कार्यक्रमों एवं सम्मेलनों में भाग लिया था। इससे पहले कुलपति ने चौधरी चरण सिंह, चौधरी देवीलाल एवं डॉ. मंगल सेन की प्रतिमाओं पर माल्यार्पण किया।
इस अवसर पर विश्वविद्यालय के प्रशासनिक भवन में पुनर्निर्मित कैंटीन का उद्घाटन किया गया।
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