नालागढ़ के धबोटा गांव के निवासी हाल ही में अपने इलाके में शराब की दुकान खोले जाने का विरोध कर रहे हैं। पंचायत प्रधान करणवीर सिंह के नेतृत्व में ग्रामीणों ने विरोध प्रदर्शन किया है और प्रशासन को इसे बंद करने के लिए 24 घंटे का अल्टीमेटम दिया है। कोई कार्रवाई न होने पर ग्रामीणों ने फिर से अपना विरोध जताया और कहा कि जब तक दुकान नहीं हटाई जाती, वे अपना आंदोलन जारी रखेंगे।
ग्रामीणों को डर है कि यह दुकान युवाओं में शराबखोरी को बढ़ावा देगी और समुदाय के सामाजिक ताने-बाने को बिगाड़ देगी। बड़ी संख्या में लोगों के एकत्र होने की खबरें हैं, जहां निवासियों ने इस दुकान का मुखर विरोध किया और इसके संचालन की अनुमति देने के लिए अधिकारियों की आलोचना की।
हालांकि, राज्य कर एवं आबकारी विभाग (एसटीईडी) के अधिकारियों ने इस कदम का बचाव करते हुए कहा कि शराब की अवैध तस्करी को रोकने के लिए यह दुकान खोली गई थी, जहां शराब लगभग 20% सस्ती है। एसटीईडी डीसी विनोद डोगरा ने कहा कि इस दुकान से प्रतिदिन 8,000-10,000 रुपये की कमाई होती है, जिससे क्षेत्र में प्रवासी श्रमिकों को की जाने वाली अवैध बिक्री को नुकसान पहुंचा है। उन्होंने कहा कि दुकान के आसपास कोई स्कूल या आवासीय क्षेत्र नहीं है, जिससे सुरक्षा संबंधी चिंताएं पैदा हो सकती हैं।