राजस्व एवं बागवानी मंत्री जगत सिंह नेगी ने आज कहा कि सुरक्षा नियमों के उल्लंघन पर बांध सुरक्षा अधिनियम और आपदा प्रबंधन अधिनियम के तहत सख्ती से निपटा जाना चाहिए। उन्होंने मानसून की तैयारियों की समीक्षा के लिए लोक निर्माण विभाग, जल शक्ति, विद्युत बोर्ड, एसडीआरएफ, राजस्व और अन्य विभागों के अधिकारियों के साथ एक उच्च स्तरीय बैठक की अध्यक्षता की। उन्होंने मौजूदा स्थिति और जिला स्तरीय तैयारियों का आकलन किया और किसी भी प्रतिकूल स्थिति से निपटने के लिए तैयारियों के संबंध में आवश्यक दिशा-निर्देश जारी किए।
उन्होंने कहा कि चूंकि मंडी, कुल्लू और कांगड़ा में बड़े बांध स्थित हैं, इसलिए इन जिलों के उपायुक्तों को स्थिति पर कड़ी नजर रखनी चाहिए। उन्होंने राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण को आपातकालीन स्थिति में तुरंत प्रतिक्रिया देने के निर्देश दिए।
बैठक के दौरान मंत्री को बताया गया कि कांगड़ा और मंडी जिलों में भारी बारिश की सूचना मिली है और पूरी तैयारी कर ली गई है। आवश्यक मशीनरी पहले ही तैनात कर दी गई है और राज्य में बारिश और भूस्खलन से प्रभावित 234 सड़कों को बहाल किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि सोमवार शाम तक सड़कें फिर से खोल दी जाएंगी जबकि सभी राष्ट्रीय राजमार्ग यातायात के लिए खुले हैं।
राजस्व मंत्री ने कहा कि हिमाचल प्रदेश बिजली बोर्ड (एचपीएसईबी) ने बताया है कि प्रतिकूल मौसम की वजह से 968 ट्रांसफार्मर क्षतिग्रस्त हो गए हैं और उनकी मरम्मत का काम अभी चल रहा है। इसी तरह जल शक्ति विभाग के तहत 23 पेयजल योजनाएं प्रभावित हुई हैं और लोगों की परेशानी कम करने के लिए उन्हें तुरंत बहाल करने के प्रयास किए जा रहे हैं। बैठक में बताया गया कि शिमला जिले के रामपुर के सरपारा में अचानक बाढ़ आने की खबर है, लेकिन किसी की जान नहीं गई।
नेगी ने पर्यटकों से मौसम संबंधी सलाह का पालन करने और नदियों और झरनों के पास जाने से बचने का आग्रह किया। राज्य के सभी उप-विभागीय मजिस्ट्रेट (एसडीएम) को सतर्क रहने के निर्देश दिए गए हैं।
मंत्री ने कहा कि राज्य आपदा प्रतिक्रिया बल (एसडीआरएफ) के लिए बजट प्रावधान किया गया है तथा उपकरणों की तैनाती के साथ पूर्ण तैयारी सुनिश्चित की जानी चाहिए।