कोलकाता, 26 दिसंबर । कोलकाता में धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) की एक विशेष अदालत अवकाश होने के बावजूद गुरुवार को कैश फॉर स्कूल जॉब घोटाले को लेकर अहम सुनवाई करेगी।
अदालतों में वर्ष के अंत की छुट्टियां बुधवार, क्रिसमस के अवसर से शुरू हो गई हैं और वह 2 जनवरी, 2025 को पुनः खुलेंगे।
हालांकि, आरोप-पत्र दाखिल करने की प्रक्रिया 23 दिसंबर को तय की गई थी, लेकिन कई जटिलताओं के कारण यह अभी तक पूरी नहीं हो सकी है। सबसे पहले ईडी द्वारा दाखिल की गई चार्जशीट में नामित 53 में से नौ ने मामले से राहत की मांग करते हुए याचिका दायर की है।
दूसरी बात, आरोप-पत्र में नामजद कुछ लोगों ने अदालत से शिकायत की कि मामले से संबंधित दस्तावेजों की हार्ड कॉपी भेजने के बजाय ईडी ने उन्हें डिजिटल प्रतियां भेजीं, जिससे उन्हें संबंधित हिस्सों को खोजने और पढ़ने में दिक्कत हो रही थी।
इसके बाद विशेष अदालत ने केंद्रीय एजेंसी को निर्देश दिया कि वह यह सुनिश्चित करे कि मामले से संबंधित दस्तावेजों की हार्ड कॉपी आरोप-पत्र में नामजद सभी आरोपियों के घर तक पहुंचाई जाए।
घटनाक्रम से अवगत सूत्रों ने बताया कि गुरुवार को विशेष अदालत की सुनवाई विशेष रूप से मामले से संबंधित दस्तावेजों की डिलीवरी में प्रगति की समीक्षा करने के लिए आयोजित की जाएगी ताकि आरोप तय करने की प्रक्रिया जल्द से जल्द पूरी की जा सके जिसके बाद मामले में ट्रायल प्रक्रिया शुरू होगी।
इस मामले में ईडी द्वारा दायर किए गए बाद के आरोपपत्रों में कुल 53 लोगों को आरोपी बनाया गया है, जिनमें से 29 व्यक्ति हैं और शेष कॉर्पोरेट संस्थाएं और ट्रस्ट हैं।
प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के रिकॉर्ड में पश्चिम बंगाल के पूर्व शिक्षा मंत्री और तृणमूल कांग्रेस के महासचिव पार्थ चटर्जी और उनकी करीबी सहयोगी अर्पिता मुखर्जी को स्कूल जॉब के लिए कैश मामले में 151.26 करोड़ रुपये के कुल घोटाले की राशि में सबसे ज्यादा लाभार्थी दिखाया गया है, जैसा कि इसके पांचवें और अंतिम पूरक आरोपपत्र में विस्तार से बताया गया है।
कोलकाता में विशेष धन शोधन रोकथाम अधिनियम (पीएमएलए) अदालत में दायर पूरक आरोपपत्र के अनुसार, ईडी द्वारा अब तक जब्त की गई कुल 151.26 करोड़ रुपये की राशि में से चटर्जी और मुखर्जी की संयुक्त हिस्सेदारी पूरी राशि में 103.78 करोड़ रुपये है। जब्त की गई राशि में नकदी और सोना तथा कुर्क की गई अचल संपत्ति शामिल है।