दो दिनों की बारिश के बाद पानीपत और सोनीपत की अनाज मंडियों में गेहूं की आवक में तेजी आई है, लेकिन खरीद एजेंसियों द्वारा धीमी उठान के कारण मंडियों में गेहूं का ढेर लग गया है।
सोनीपत जिले में शनिवार शाम तक 24 अनाज मंडियों और खरीद केंद्रों पर 76,567 मीट्रिक टन (एमटी) गेहूं की खरीद हो चुकी है। हालांकि, अभी तक केवल 17,701 मीट्रिक टन (23%) का ही उठान हो पाया है। खरीद में चार एजेंसियां - खाद्य एवं आपूर्ति, हरियाणा वेयरहाउसिंग कॉरपोरेशन (एचडब्ल्यूसी), हैफेड और भारतीय खाद्य निगम (एफसीआई) शामिल हैं।
खरीद के आंकड़ों के अनुसार, खाद्य एवं आपूर्ति विभाग ने 31,578 मीट्रिक टन गेहूं की खरीद की है, जिसमें से 10,131 मीट्रिक टन का उठाव हो चुका है, जबकि हैफेड ने 29,995 मीट्रिक टन गेहूं की खरीद की है, जिसमें से 2,939 मीट्रिक टन का उठाव हो चुका है। इसी तरह, एचडब्ल्यूसी ने 13,321 मीट्रिक टन गेहूं की खरीद की है, जिसमें से 2,908 मीट्रिक टन का उठाव हो चुका है और एफसीआई ने 1,673 मीट्रिक टन गेहूं की खरीद की है।
पानीपत में 9.30 लाख क्विंटल गेहूं की आवक हुई है, जिसमें से 7.33 लाख क्विंटल की खरीद हो चुकी है। लेकिन अभी तक केवल 1.17 लाख क्विंटल (16.03%) का ही उठान हो पाया है, जिससे जगह की कमी की चिंता पैदा हो गई है।
सोनीपत आढ़ती एसोसिएशन के अध्यक्ष संजय वर्मा ने कहा, “गेहूं की आवक तेजी से बढ़ रही है और मंडियों में भीड़भाड़ बढ़ने लगी है। किसान आग या मौसम से होने वाले नुकसान से बचने के लिए अपनी उपज बेचने की जल्दी कर रहे हैं, लेकिन धीमी उठान के कारण बड़ी अड़चनें आ रही हैं।”
उन्होंने कहा कि एफसीआई गोदामों द्वारा नमी की मात्रा के आधार पर ट्रकों को अस्वीकार किए जाने से एक नई समस्या सामने आई है। वर्मा ने कहा, “सरकार 12% नमी पर गेहूं स्वीकार कर रही है, लेकिन एफसीआई अधिकारी यह कहते हुए ट्रकों को वापस कर रहे हैं कि नमी 10% होनी चाहिए और अनाज साफ होना चाहिए। यह अनुचित है।”
उठान में देरी के कारण किसानों को भुगतान में भी देरी हो रही है, क्योंकि सरकारी भुगतान फसल के मंडियों से चले जाने के बाद ही जारी किया जाता है।
समालखा अनाज मंडी के अध्यक्ष बलजीत सिंह ने भी चिंता जताई। उन्होंने कहा, “उठान कछुए की गति से हो रहा है। खरीदे गए 2.55 लाख क्विंटल में से केवल 34,150 क्विंटल का ही उठान हो पाया है।”
पानीपत अनाज मंडी के अध्यक्ष दिनेश भोकर ने कहा, “गेहूं की आवक बढ़ गई है और उठान भी शुरू हो गया है, लेकिन गति अभी भी धीमी है। हालांकि, हमें उम्मीद है कि आने वाले दिनों में स्थिति में सुधार होगा।”
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